ज्येष्ठ माह में करें श्रीहनुमान और सूर्य देव की उपासना, होगी ये कृपा
ज्येष्ठ माह में गर्मी अपने चरम पर होती है और सूर्य के तेज प्रकाश के कारण नदी व तालाब सूख जाते हैं।
Sandesh Wahak Digital Desk: ज्येष्ठ माह में गर्मी अपने चरम पर होती है और सूर्य के तेज प्रकाश के कारण नदी व तालाब सूख जाते हैं। इसलिए इस महीने में जल का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह शुरू हो गया है, ऐसे में अब पानी का संभलकर इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ेगी। हो सकता है इस माह के खत्म होते-होते आपके घरों के बोरिंग में पानी का प्रेशर भी कम हो जाए। तालाबों का जल स्तर तेजी से घट जाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की विशेष उपासना की जाती है। वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं।
मिलती है ग्रह दोष से मुक्ति
ज्योतिशाचार्य पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ माह शुरू हो चुका है, जो 4 जून तक चलेगा। ज्योतिष शास्त्र में भी ज्येष्ठ माह को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं।
क्या करें और क्या न करें
- बाल गोपाल का अभिषेक करने का विशेष महत्व बताया है।
- भगवान को माखन मिश्री का भोग, शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- पशु पक्षियों, जीव जंतुओं के लिए पानी की व्यवस्था करें।
- इस माह में जरूरतमंद लोगों को छाते, अन्न, पेय वस्तुओं आदि का दान भी किया जा सकता है। जिसे बेहद ही शुभ माना गया है।
- किसी गौशाला में हरी घास का दान करें और गायों का ध्यान रखें।