World Kidney Day 2025: क्रोनिक किडनी रोग के प्रति जागरूकता जरूरी, होम्योपैथी से मिल रही राहत

World Kidney Day 2025: 13 मार्च 2025 को दुनियाभर में वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाएगा। इस अवसर पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने क्रोनिक किडनी रोग (CKD) के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। CKD एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है और जब तक इसका पता चलता है, तब तक किडनी को काफी नुकसान हो चुका होता है। इसके चलते उपचार के विकल्प सीमित हो जाते हैं, जिससे मरीज को केवल डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे महंगे और जटिल इलाज पर निर्भर रहना पड़ता है।
क्रोनिक किडनी रोग की चुनौती
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि किडनी रोग के शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं, जिससे रोग गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है।
- डायलिसिस के लिए बार-बार अस्पताल जाना पड़ता है, जिससे मानसिक और शारीरिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी बढ़ता है।
- किडनी प्रत्यारोपण के लिए डोनर की कमी, ऑपरेशन की जटिलता और शरीर द्वारा नई किडनी को अस्वीकार करने का जोखिम बना रहता है।

होम्योपैथी से मिल रही राहत
ऐसे में एक नए विकल्प के रूप में होम्योपैथी उभर रही है, जो न केवल रोग के लक्षणों को कम करती है, बल्कि शरीर की स्व-उपचार क्षमता को भी मजबूत करती है।
डॉ. लुबना कमाल, एक अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक, जिन्होंने अब तक 20,000 से अधिक CKD मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है, बताती हैं कि होम्योपैथी एलोपैथी का विकल्प नहीं, बल्कि एक पूरक चिकित्सा है। सही मार्गदर्शन में होम्योपैथी और एलोपैथी के संयुक्त उपयोग से किडनी के कार्य को स्थिर किया जा सकता है, समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है और डायलिसिस की आवश्यकता को भी कम किया जा सकता है।
किडनी के स्वास्थ्य का समर्थन कैसे करती है होम्योपैथी ?
होम्योपैथी का सिद्धांत “जैसे का इलाज वैसे” पर आधारित है, जो शरीर की प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली को सक्रिय कर संतुलन बहाल करता है। CKD में होम्योपैथिक उपचार नेफ्रॉन (किडनी की कार्यशील इकाई) को पुनर्जीवित करने और वयस्क स्टेम कोशिकाओं को सक्रिय करने में सहायक हो सकता है, जिससे किडनी का कार्य बना रहता है।
होम्योपैथी के प्रमुख लाभ
- लक्षणों से राहत – यह प्रोटीनुरिया, एडिमा, मतली, थकान और अवसाद जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
- रोग की प्रगति को धीमा करना – चयापचय और प्रतिरक्षा तंत्र को सुधारकर किडनी की गिरावट की गति को कम किया जा सकता है।
- विषहरण और सूजन नियंत्रण – यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को हटाने, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और किडनी की क्षति को रोकने में सहायक है।
- समग्र उपचार दृष्टिकोण – यह केवल किडनी पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, रोगी की संपूर्ण जीवनशैली और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर कार्य करती है।
- रोग को पलटने की संभावना – कुछ मामलों में, होम्योपैथी किडनी की कार्यक्षमता को पुनः सुधारने में सहायक हो सकती है।
- सुरक्षित और दुष्प्रभाव रहित – प्राकृतिक स्रोतों से बनी ये दवाएँ गैर-विषाक्त होती हैं और लंबे समय तक उपयोग के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं।
- किडनी फंक्शन में सुधार – यह सीरम क्रिएटिनिन, यूरिया नाइट्रोजन और यूरिक एसिड के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकती है।
- बेहतर जीवन गुणवत्ता – यह रोगी की जीवन शक्ति, भावनात्मक संतुलन और समग्र भलाई को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती है।
वैज्ञानिक अध्ययन और नैदानिक अवलोकन
हालांकि होम्योपैथी पर अभी अधिक नियंत्रित क्लिनिकल ट्रायल की आवश्यकता है, लेकिन रोगियों के अनुभवों और चिकित्सकीय अवलोकनों से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह चिकित्सा पद्धति किडनी की कार्यक्षमता बनाए रखने में मदद कर सकती है।

आधुनिक शोधकर्ता भी होम्योपैथिक उपचारों के प्रभावों का गहराई से अध्ययन कर रहे हैं, और शुरुआती निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि यह CKD रोगियों के लिए एक प्रभावी सहायक उपचार हो सकती है।
चिकित्सा जगत अब केवल रोग के लक्षणों के इलाज तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि समग्र उपचार की ओर बढ़ रहा है। यह बदलाव खासतौर पर उन बीमारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो पुरानी और जटिल होती हैं, जैसे कि क्रोनिक किडनी रोग।
- एलोपैथी जीवन-रक्षक हस्तक्षेप प्रदान करती है।
- होम्योपैथी रोगियों को एक सहज, सुरक्षित और समग्र उपचार का विकल्प देती है।
- दोनों का समन्वित उपयोग न केवल रोग की प्रगति को धीमा कर सकता है, बल्कि डायलिसिस की आवश्यकता को भी टाल या विलंबित कर सकता है।
समाज में जागरूकता जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि CKD के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और सही इलाज जरूरी है। वर्ल्ड किडनी डे पर इस साल विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों और चिकित्सा संस्थानों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति सजग हो सकें।
वर्ल्ड किडनी डे पर संदेश
2025 के वर्ल्ड किडनी डे पर, यह जरूरी है कि हम स्वास्थ्य देखभाल के अधिक समग्र और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाएँ। होम्योपैथी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जिससे CKD रोगियों के लिए एक नई आशा का संचार हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि होम्योपैथी और एलोपैथी का संयुक्त उपयोग किडनी रोग से जूझ रहे लाखों मरीजों के लिए एक प्रभावी समाधान हो सकता है। सही जागरूकता और समय पर उपचार से CKD को बढ़ने से रोका जा सकता है और मरीजों को बेहतर जीवन गुणवत्ता मिल सकती है।
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