स्तनपान के लिए लेड-बैक पोजीशन क्यों है नई मांओं के लिए फायदेमंद? जानिए इसके फायदे

शिशु के जन्म के बाद मां के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है शिशु को स्तनपान कराना। सही पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग करने से मां और शिशु, दोनों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। अगर आपने ब्रेस्टफीडिंग की पोजीशन को लेकर सावधानी नहीं बरती तो शिशु को पोषण मिलने में दिक्कत हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नई मांओं को खासकर ‘लेड-बैक पोजीशन’ में ब्रेस्टफीडिंग करने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इस पोजीशन के फायदे और इसे कैसे सही तरीके से अपनाया जा सकता है।

शिशु को मिलने वाले फायदे

– इस पोजीशन में शिशु आसानी से मां के ब्रेस्ट तक पहुंच जाता है और निप्पल को पकड़ने में कोई दिक्कत नहीं होती।
– शिशु को गिरने का खतरा कम हो जाता है और इस पोजीशन से वह दूध आसानी से पचा भी लेता है।
– इस पोजीशन से शिशु के दम घुटने की संभावना भी काफी कम हो जाती है।

मां को मिलने वाले फायदे

– लेड-बैक पोजीशन में मां को पीठ, गर्दन और कंधों पर तनाव महसूस नहीं होता, जिससे यह आरामदायक होती है।
– यह पोजीशन मां की थकान को भी कम करती है और उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अधिक सहज महसूस होता है।

लेड-बैक पोजीशन कैसे अपनाएं?

लेड-बैक पोजीशन को रिक्लाइंड या लीन-ऑन-बैक पोजीशन के नाम से भी जाना जाता है। इसे अपनाने के लिए मां को आधा लेटना होता है, जिससे शरीर पर तनाव न पड़े। शिशु को मां के पेट से लगाकर ब्रेस्ट के पास सिर रखना होता है। इस पोजीशन में मां और शिशु दोनों ही आरामदायक स्थिति में होते हैं।

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