महाकुंभ भगदड़ के लिए जिम्मेदार कौन? न्यायिक आयोग करेगा सुरक्षा खामियों की पड़ताल
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Sandesh Wahak Digital Desk: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर 29 जनवरी 2025 को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। आयोग के सदस्य 10 जनपथ, लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पहुंचे और जांच प्रक्रिया की रूपरेखा तय की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए इसकी गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। राज्यपाल की राय के अनुसार, इस घटना में कई श्रद्धालुओं की मृत्यु एवं गंभीर रूप से घायल होने की घटनाओं को देखते हुए जांच आवश्यक है।
राज्यपाल ने जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा-3 के तहत न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। यह आयोग निम्नलिखित सदस्यों के साथ कार्य करेगा।
- मा. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय – अध्यक्ष
- वी.के. गुप्ता (सेवानिवृत्त आईपीएस) – सदस्य
- डी.के. सिंह (सेवानिवृत्त आईएएस) – सदस्य
आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा, और यह घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा।
जांच के मुख्य बिंदु
- भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों का निर्धारण – किस वजह से यह हादसा हुआ, इसकी गहराई से पड़ताल की जाएगी।
- भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय – सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव दिए जाएंगे।
आयोग को अधिसूचना जारी होने की तिथि से एक माह के भीतर जांच पूरी करनी होगी। यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार की अनुमति से जांच अवधि को बढ़ाया जा सकता है। महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक घटना के पीछे के कारणों को उजागर करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आयोग जल्द ही जांच प्रक्रिया को तेज करेगा।
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