बाइपोलर डिसोर्डर क्या है? जानिए मेंटल हेल्थ पर इसके दुष्प्रभाव, इन लक्षणों से करें पहचान
Bipolar Disorder: बाइपोलर डिसोर्डर एक मानसिक हेल्थ की समस्या है। द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder) को उन्मत्त अवसाद के रूप में भी जाना जाता है। जो एक प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य बीमारी है। जिसमें उच्च उन्माद या हाइपोमेनिया और निम्न अवसाद शामिल हैं। अवसादग्रस्त होने पर शख्स बेहद उदास या निराश महसूस कर सकता है। जब मूड उन्माद या हाइपोमेनिया में बदल जाता है। तो कभी-कभी असामान्य रूप से चिड़चिड़ापन भी महसूस होता है।
आज हम आपको बताएंगे बाइपोलर डिसॉर्डर क्या है। इसके लक्षणों को कैसे पहचाना जा सकता है।
क्या है द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder) ?
द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder) का क्लिनिकल नाम मेनिक डिप्रेशन (Manic Depression) है। यह एक मूड डिसॉर्डर है।
बाइपोलर डिसॉर्डर के प्रकार
- अगर किसी बच्चे या व्यस्क में मेनिया और डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह Bipolar Disorder से पीड़ित हो सकता है। इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी को यदि नजर अंदाज किया जाए तो अस्पताल पहुंचने की नौबत भी आ सकती है।
- इस मानसिक स्वास्थ्य प्रोब्लम को सॉफ्ट बाइपोलर (Soft Bipolar) भी कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति में हाइपोमेनिया और डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। तो वह सॉफ्ट बाइपोलर (Soft Bipolar) से पीड़ित हो सकता है।
- Cyclothymia से पीड़ित लोगों में हाइपोमेनिया (Hypomania) और माइल्ड डिप्रेशन (Mild Depression) के लक्षण दिखाई देते हैं।
- मेनिया में शख्स के भीतर नींद में कमी, अतिसक्रियता, भावनात्मक प्रतिक्रिया, चिड़चिड़ापन, उत्साह और हाइपर सेक्सुअलिटी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मेनिया का लेवल बढ़ने पर इंसान काफी उग्र हो जाता है। यह मानसिक बीमारी व्यक्ति के जीवन पर बुरा असर डालती है।
- हाइपोमेनिया के लक्षण मेनिया की तरह ही होते हैं, लेकिन ये मेंटल हेल्थ प्रोब्लम ज्यादा गंभीर नहीं होती। इस अवस्था में व्यक्ति के अंदर खराब फिजिकल एक्टिविटी का बढ़ना, नींद में कमी और बहुत सोचने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
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