अगले पांच साल में भारत को बनाएंगे ऑटोमोबाइल उद्योग में नंबर 1 : नितिन गडकरी
Indian Automobile Industry : भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग वर्तमान में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद, लेकिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सरकार अगले पांच वर्षों में इसे दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग बनाने का लक्ष्य रखती है।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का बाजार आकार लगभग 22 लाख करोड़ रुपये है। चीन का बाजार 47 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि अमेरिका का 78 लाख करोड़ रुपये का है। ‘टाइम्स ग्रीन ड्राइव कॉन्क्लेव और अवार्ड्स 2024’ में गडकरी ने भारत की क्षमता और विकास को लेकर अपनी बात रखी।
यह उद्योग आत्मनिर्भर भारत के विजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण
गडकरी ने कहा कि “हमारा मिशन और सपना है कि अगले पांच वर्षों में भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग बना दिया जाए। यह उद्योग आत्मनिर्भर भारत के विजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने यह भी बताया कि यह क्षेत्र भारत का सबसे बड़ा निर्यातक है, राज्य और केंद्र सरकारों को सबसे अधिक जीएसटी राजस्व देता है और अब तक 4.5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा कर चुका है। गडकरी ने एथनॉल, मीथनॉल, बायोडीजल, बायो-एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि भारत भविष्य के ईंधनों में निवेश कर रहा है।
वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाना बेहद जरूरी है। “हम हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करते हैं, जो प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधनों के विकल्प खोजना अत्यंत आवश्यक है,” गडकरी ने कहा।
गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि भारत में अतिरिक्त खाद्यान्न का उपयोग वैकल्पिक जैवईंधनों के उत्पादन में किया जा सकता है। उन्होंने जैवईंधनों को आयात का किफायती, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी विकल्प बताया।
मंत्री ने यह भी बताया कि वैकल्पिक ईंधन कृषि क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, क्योंकि इससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। गौरतलब है कि गडकरी स्वयं हाइड्रोजन से चलने वाली कार का उपयोग करते हैं।