Waqf Bill: वक्फ बोर्ड मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कांग्रेस नेता ने दायर की याचिका

Sandesh Wahak Digital Desk: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) को लेकर विवाद गहरा गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मोहम्मद जावेद ने इस संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सचेतक मोहम्मद जावेद, जो वक्फ (संशोधन) विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य थे, ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में इस कानून को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 25 (धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता), 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता), 29 (अल्पसंख्यक अधिकार) और 300A (संपत्ति का अधिकार) का उल्लंघन बताया है।
जावेद का आरोप है कि यह कानून मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों पर अनावश्यक प्रतिबंध लगाता है। याचिका में कहा गया है कि इस संशोधन से उन लोगों को भी धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्ति समर्पित करने में कठिनाई होगी, जिन्होंने हाल ही में इस्लाम धर्म अपनाया है, जिससे संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन होता है।
गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना धार्मिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप
याचिका में यह भी कहा गया है कि वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना में संशोधन करके वक्फ प्रशासनिक निकायों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना धार्मिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप है। जावेद का मानना है कि इस प्रकार का हस्तक्षेप अन्य धार्मिक संस्थाओं में लागू नहीं होता, जो कि संविधान की समानता की भावना के खिलाफ है।
इस बीच, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि वक्फ संशोधन विधेयक अभी कानून के रूप में लागू नहीं हुआ है, क्योंकि इसे राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को लेकर कई बदलावों का प्रस्ताव है, जिसमें वक्फ न्यायाधिकरणों की शक्तियों का विस्तार और वक्फ बोर्डों की संरचना में संशोधन किया गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के मुताबिक, इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में मुस्लिम समुदाय की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, और यह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
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