Waqf Amendment Bill: आज राज्यसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, जोरदार बहस के आसार

Sandesh Wahak Digital Desk: बुधवार (3 अप्रैल) को लोकसभा में लंबी चर्चा और हंगामे के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पारित हो गया। इस बिल के पेश होते ही विपक्ष ने जोरदार विरोध किया था और सदन में शोर-शराबा मच गया था। अब यह बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां भी हंगामे की संभावना जताई जा रही है।
लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े थे, जबकि विपक्ष में 232 वोट आए थे। अब लोगों की निगाहें राज्यसभा पर हैं, क्योंकि यदि यह विधेयक राज्यसभा से पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
राज्यसभा में तगड़ा मुकाबला
राज्यसभा में कुल 236 सदस्य हैं, और बहुमत के लिए 119 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है। भाजपा के पास राज्यसभा में 98 सांसद हैं, जबकि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पास 115 सांसद हैं। इसके अलावा, यदि मनोनीत सांसदों की संख्या को जोड़ दिया जाए, तो एनडीए के पास 121 सांसद हो जाते हैं, जो बहुमत प्राप्त करने के लिए पर्याप्त संख्या है।
विपक्षी दलों में कांग्रेस के पास 27 सांसद हैं, जबकि इंडिया गठबंधन (कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, और अन्य) के पास कुल 85 सांसदों की ताकत है। राज्यसभा में YSR कांग्रेस के 9, बीजू जनता दल के 7 और AIDMK के 4 सांसद हैं। छोटे दलों और निर्दलीय सांसदों की संख्या 3 है।
इस प्रकार, राज्यसभा में बिल पारित करने के लिए मोदी सरकार को किसी भी गंभीर चुनौती का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि, विपक्षी दल इस बिल को लेकर तीव्र विरोध कर रहे हैं, और आज की चर्चा में इसे लेकर कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है।
लोकसभा में लंबी बहस
लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसे बढ़ा दिया था। कुल मिलाकर, लोकसभा में 12 घंटे से ज्यादा समय तक इस विधेयक पर बहस चली। इसके बाद देर रात को मतदान हुआ, जिसमें विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े और विपक्ष में 232 वोट आए, जिससे यह विधेयक लोकसभा से पारित हो गया।
विधेयक के मुख्य बिंदु और विपक्षी आपत्ति
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के तहत वक्फ बोर्डों में सुधार की प्रक्रिया को तेज करने, पारदर्शिता बढ़ाने और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए नए प्रावधान किए गए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसे लेकर उनका आरोप है कि सरकार इसे मुस्लिम समाज के खिलाफ एक राजनीतिक एजेंडे के तहत लाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक की चर्चा संसद में अमेरिकी टैरिफ पर ध्यान भटकाने के लिए एक योजनाबद्ध कदम था। उनका कहना था कि यह विधेयक टैरिफ जैसे गंभीर मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है।
लोकसभा में इस विधेयक को लेकर मचे शोर-शराबे और विपक्षी विरोध के बावजूद, सरकार इसे राज्यसभा में पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी। आज राज्यसभा में होने वाली बहस इस विधेयक के भविष्य को तय करेगी, और अगर यह पारित होता है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा।