निकाय चुनाव के लिए जोर आजमाइश शुरू, लखनऊ की Mayor सीट में संघ का भी रहेगा दखल!
नगर निकाय चुनाव के लिए उत्तरप्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा की तरफ से महापौरों (Mayor) की सूची आने के बाद भाजपा की तरफ सभी की निगाहें टिक गयी हैं।
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। नगर निकाय चुनाव के लिए उत्तरप्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा की तरफ से महापौरों (Mayor) की सूची आने के बाद भाजपा की तरफ सभी की निगाहें टिक गयी हैं। हालांकि भाजपा अभी जल्दबाजी के मूड में नजर नहीं आ रही है। लेकिन लखनऊ समेत कई अहम नगर निगमों में महापौर की उम्मीदवारी पाने के लिए जोर आजमाइश का दौर जारी है। नगर निकाय चुनाव के वास्ते टिकट बंटवारे में आरएसएस की भूमिका (role of rss) भी मुख्य रहेगी। मिशन 2024 को देखते हुए इस बार अप्रत्याशित नामों की भरमार रहने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।
लखनऊ में महापौर पद की उम्मीदवारी के लिए आरएसएस से जुड़े लोगों ने भी प्रयास शुरू किया है। एक आयोग की सदस्य ने भी महापौर उम्मीदवारी के लिए कदम बढ़ाए हैं। ये महिला सदस्य आरएसएस से लम्बे समय से जुड़ी भी रही हैं। फिलहाल संघ के शीर्ष नेतृत्व की शरण में है। इसी तरह मुख्यमंत्री योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी की पत्नी मालिनी अवस्थी का नाम भी चर्चा में है।
संयुक्ता भाटिया की बहू रेशू भाटिया के लिए भी की जा रही है लॉबिंग
सूत्रों की माने तो मंत्रियों के साथ बैठक में सरकार और संगठन के सामने खुद मुख्यमंत्री योगी ने मुलायम की बहू अपर्णा यादव और मालिनी अवस्थी का जिक्र भी इस पद के लिए किया था। हालांकि श्रीमती अवस्थी का नाम भाजपा से राज्यसभा सांसदी के लिए भी लिया जा रहा है। आरएसएस से निवर्तमान महापौर (Mayor) संयुक्ता भाटिया की बहू रेशू भाटिया के लिए भी लॉबिंग की जा रही है।
पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का नाम भी चर्चा में
आरएसएस (RSS) का केंद्र अब नागपुर की जगह लक्ष्मण नगरी अर्थात लखनऊ बनता जा रहा है इसलिए बिना संघ की मर्जी के लखनऊ में महापौर पद का प्रत्याशी (Mayor candidate in Lucknow) घोषित नहीं होगा। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री राजनाथ सिंह किसी ऐसे नाम को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं जो मिशन 2024 की राह में अंदर से कांटे बिछाने का काम करे। इसलिए किसी बड़े सियासी चेहरे को लखनऊ में महापौर की उम्मीदवारी मिलने की संभावना कम है। पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का नाम भी लखनऊ से चर्चा में है। लेकिन परिवहन मंत्री दयाशंकर के रहते टिकट फाइनल होने की उम्मीद कम है।
लखनऊ में ब्राह्मण वोटरों के ध्रुवीकरण का दांव
सपा ने लखनऊ से वंदना मिश्रा को महापौर पद के लिए उतारकर भाजपा के ब्राह्मण वोटरों के ध्रुवीकरण का दांव चला है। खुद वंदना मिश्रा का कहना है कि मैं भले जातपांत में विश्वास नहीं रखती हूं। लेकिन ब्राह्मण वर्ग से होने के चलते वे मुझे जरूर वोट करेंगे। ऐसे में भाजपा के ऊपर ब्राह्मण प्रत्याशी खड़ा करने का एक नैतिक दबाव भी है।
हालांकि भाजपा के एक नेता के मुताबिक सपा की प्रत्याशी को कोई जानता नहीं है। लेकिन भाजपा से चिरपरिचित चेहरा ही इस बार महापौर का उम्मीदवार बनेगा। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के निकटस्थ सुभासपा ने भी लखनऊ में ब्राह्मण उम्मीदवार ही उतारा है।
भाजपा का उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग पर जोर
पहले चरण के नामांकन शुरू होने के बावजूद भाजपा के जिम्मेदार अभी भी प्रत्याशियों की सूची को लेकर एक दो दिन का इंतजार करने की बात कर रहे हैं। भाजपा के एक प्रवक्ता के मुताबिक फिलहाल जिलों में स्क्रीनिंग का काम चल रहा है। जिसके खत्म होने के बाद ही स्थिति साफ होगी।
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