UP News: विजिलेंस की गोपनीय जांच शुरू, बेनकाब होंगी अभिषेक प्रकाश की अकूत संपत्तियां

Sandesh Wahak Digital Desk: देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर आखिरकार अरबों के घूसखोरी काण्ड और डिफेन्स कॉरिडोर घोटाले में सुर्खियां बटोर रहे निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश की सम्पत्तियों की गोपनीय जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी।
‘संदेश वाहक’ की खबर के बाद एक्शन में आया गृह विभाग, विजिलेंस को जांच शुरू करने के आदेश
‘संदेश वाहक’ ने 28 मार्च के संस्करण में ‘अभी तक पूछताछ और सम्पत्तियों की जांच नहीं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करके खुलासा किया था कि सीएम योगी की सख्ती के बावजूद नौकरशाही इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ को बचाने के उच्च स्तरीय प्रयासों में जुटी है। जिसके बाद गृह विभाग ने तत्काल विजिलेंस को सम्पत्तियों की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया। आईएएस अभिषेक प्रकाश के ऊपर विभिन्न पदों पर तैनाती के दौरान अरबों की अकूत सम्पत्तियां जुटाने के संगीन आरोप हैं। लखनऊ डीएम रहते पार्क की जमीन पर अभिषेक को अंसल बिल्डर ने दो कीमती प्लॉट भी कौडिय़ों के भाव दिए थे।
दरअसल 20 मार्च को दलाल निकान्त जैन की गिरफ्तारी के बाद नियुक्ति विभाग ने सीएम योगी के निर्देशों पर वसूली के आरोपी अभिषेक प्रकाश की सम्पत्तियों की जांच विजिलेंस से कराने के लिए गृह विभाग को पत्र भेजा था। लेकिन हफ्ते भर बाद भी विजिलेंस को जांच शुरू करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया।
विवादित कार्यकाल का मांगा जाएगा ब्योरा
‘संदेश वाहक’ की खबर प्रकाशित होने के बाद गृह विभाग के बड़े अफसर तत्काल सक्रिय हुए और विजिलेंस को आधिकारिक रूप से परीक्षण के बाद गोपनीय जांच शुरू करने का आदेश भेजा गया। जिसके बाद विजिलेंस ने सम्पत्तियों की खुली जांच के लिए टीमों का गठन करते हुए अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। गोपनीय जांच के तौर पर संबंधित विभागों से अभिषेक प्रकाश के विवादित कार्यकाल का ब्योरा मांगा जाएगा। इंवेस्ट यूपी में तैनाती से पहले ये आईएएस लखीमपुर खीरी, बरेली, हमीरपुर, लखनऊ, अलीगढ़ में डीएम रह चुका है। एलडीए वीसी का पद भी संभाला है।
लखीमपुर और बरेली में डीएम रहने के दौरान सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि खरीदने के आरोपों की जांच में नियुक्ति विभाग पहले ही क्लीनचिट दे चुका है। आईएएस अभिषेक प्रकाश के समस्त कार्यकाल की गोपनीय जांच हो रही है। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद शासन की अनुमति पर खुली जांच के लिए विजिलेंस मुकदमा दर्ज कराएगा । विजिलेंस उनकी और उनके करीबी परिजनों के नाम पर खरीदी गई सभी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाएगा। साथ ही, यह पड़ताल भी करेगा कि पूरे कार्यकाल के दौरान कुल वैध आय कितनी रही और उन्होंने चल-अचल संपत्तियों को खरीदने और भरण-पोषण पर कितना व्यय किया।
सैकड़ों बीघे भूमि और कई घोटालों के संगीन आरोप
अभिषेक प्रकाश पर बरेली में डीएम रहते इंटरनेशनल सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर 8000 करोड़ की टाउनशिप में करीबी बिल्डर राजू खंडेलवाल के जरिए घोटाला करने समेत एलडीए वीसी रहते हुए कई बिल्डरों को लाभ पहुंचाने, मनमाने ढंग से सीलिंग और आशियाना समेत कई इलाकों में करीबियों को लाइसेंस जारी करने के आरोप हैं। लखीमपुर खीरी, हमीरपुर और अलीगढ़ के डीएम के रूप में सैकड़ों बीघा भूमि खरीद और सरकारी टेंडरों में हेराफेरी और खनन माफिया के साथ मिलीभगत का भी आरोप है। परिजनों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई गईं। लखनऊ में भी कई कीमती सम्पत्तियां हैं।
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