Uttarkashi Tunnel Accident: रेस्क्यू ऑपरेशन का 16वां दिन, पीएम के प्रमुख सचिव पहुंचे रहे उत्तरकाशी
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वां दिन है। आठ राज्यों के 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को सिलक्यारा पहुंचे। साथ ही केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (रि.) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे। जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Union Minister General VK Singh (Retd) arrives at the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/tf2iD1GKPu
— ANI (@ANI) November 27, 2023
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान में सभी ने काफी प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि आगर मशीन को शेष हिस्सा भी सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है। अब फिर से ड्रिलिंग का काम शुरू होगा।
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में पिछले दो सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से भी सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए। अधिकारियों ने यहां बताया कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जाएगी।
फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जाएगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को सिलक्यारा पहुंचेंगे। सुरंग के सिलक्यारा छोर से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए चल रही क्षैतिज ड्रिलिंग में ताजा अवरोध शुक्रवार शाम को आया जब उसके ब्लेड मलबे में फंस गए ।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसके कारण उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है ।
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने रविवार शाम सात बजे तक की स्थिति बताते हुए कहा था कि मलबे में ऑगर मशीन का केवल 8.15 मीटर हिस्सा ही निकाला जाना शेष रह गया है।
मलबे में हाथ से ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए ऑगर मशीन के सभी हिस्सों को पहले बाहर निकाला जाना जरूरी था । सुरंग में करीब 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब 10-12 मीटर की ड्रिलिंग शेष रह गयी है।