तिलस्मी बैग में कैद है लक्ष्मी साधना का रहस्य

Sandesh Wahak Digital Desk/ Vinay Shankar Awasthi: शहर को चमकाने वाले विभाग का हिसाब-किताब संभालने वाले एक साहब के आगे बड़े-बड़े  गुरूघंटाल  तक पानी भरते हैं। साहब लहरें गिनकर पैसा कमाने का हुनर जानते हैं। साहब की उस्तादी देख उनके चेलों को भी दिन में तारे दिखने लगे हैं। कभी सोचा न था, साहब इतने बड़े लक्ष्मी भक्त निकलेंगे। चेलों का हिस्सा गटकने के लिए साहब हमेशा अपना तिकड़मी दिमाग भिड़ाते रहते हैं। नई-नई तरकीबें गढ़ते रहते हैं। फिर धीरे से एक नया शिगूफा छोड़ देते हैं। सुनो संगम नगरी वाली टीम आई है, फिलहाल कुछ दिनों तक उनकी भी सेहत का ख्याल रखना होगा। हिसाब-किताब नोट कर लो। जरा भी चूक हुई तो सारे प्रायोजित कार्यक्रम रिलीज हो जाएंगे। फिर लगाते रहना चक्कर पर चक्कर, कोई सुनेगा नहीं। दूसरा शिगूफा सुनते ही चेले त्राहिमाम की मुद्रा मे हाथ जोड़ लेते हैं, ऐसा है कुछ माल शासन वाले साहब को भी पहुंचाना होगा। क्योंकि मैडम ने हम सबका कच्चा चिट्ठा वहां तक पहुंचा दिया है। अपना दाना पानी उठ जाए, उससे पहले माल पहुंचाना होगा। नए-नए खर्चे सुनकर चेलों को ग्यारह हजार वोल्ट का करंट लग जाता है, खड़े-खड़े रूह फना हो जाती है। मगर, मरता क्या न करता। चढ़ावा चढ़ाए बिना काम कहां चलने वाला। सो चेले दबी जुबान में साहब को भारी-भरकम व चुनिंदा पदवियों से नवाजते हुए चुपके से माल पहुंचा देते हैं। माल पहुंचते ही साहब चेलों को सांत्वना देने के अंदाज में पुचकार भी देते  हैं,  यार वैसे भी आज कल अपने ग्रह नक्षत्र ठीक नहीं चल रहे हैं। खबरनवीस हुक्का लेकर पीछे पड़े हैं। इसलिए सावधानी हटी, दुर्घटना घटी की हद तक सतर्क रहो।

दिलजले बताते हैं कि ग्रहों को शांत करने के लिए चेले भी आजकल जोर-शोर से लक्ष्मी साधना में लीन हैं। रोज शाम को गुप्त कमरे के भीतर चेलों से हिसाब-किताब लिया जा रहा है। मजाल कोई मातहत इस मामले में साहब की ऑख में धूल झोंक दे। एक झोंके में उनको ऐसी टेबुल पर भेज देते हैं जहां दिनभर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं।  तिवारी जी वाला कांड फिर न हो जाए, इसलिए कौन पंगा ले। पिछले दिनों साहब के गुप्त कमरे का राज खुला तो मैडम भी सुबह-सुबह कपाट खुलते ही कमरे के दर्शन को पहुंच गईं। लेकिन पता चला देर रात तक लक्ष्मी साधना के चलते साहब और उनके चेलों की नींद नहीं खुली। इस बीच मैडम के दर्शन का वीडियो किसी ने खबरनवीसों को भेज दिया। जिसके बाद साहब के गुप्त कमरे का वीडियो पूरे ब्रह्माण्ड में दौडऩा शुरू हो गया। तब से साहब गुप्त कमरे का राज लीक करने वाले दिलजलों को खोजने में जुट गए हैं। फिलहाल शक की सुई बिल्डिंग में सबसे ऊपर बैठने वाले साहब की ओर है। यह सब सुनकर दिलजले भी खूब मौज ले रहे हैं। इसी खुशी में साहब की स्वादिष्ट दालमोठ व नींबू पानी के अत्याधिक सेवन का राज तक खोल कर रख दिया है। दिलजले बताते हैं कि जब से साहब ने नवाबों की नगरी में डेरा डाला है, रिश्वत को घर तक पहुंचने का तरीका ही बदल दिया है। क्या करें, मोटी-मोटी गड्डियों से पैंट की जेबें फूल कर कुप्पा हुईं साफ दिखती थीं, कभी दिलजले तो कभी पड़ोसी पूछ बैठते थे। क्यों जी, लगता है आज कोई मोटी मुर्गी फांसे हो। लोगों कि इसी बुरी नजर से बचने के लिए साहब ने तिलस्मी बैग का सहारा ले रखा है। हालांकि साहब के तिलस्मी बैग के बारे में जानने की तमाम कोशिश उनके दुश्मनों ने की, मगर, उन्हें मुंह की खानी पड़ी। उनके लगुए-भगुओं से छनकर आई गोपनीय सूचना के मुताबिक साहब के लक्ष्मी साधना का सारा रहस्य उस तिलस्मी बैग में हैं। जो सुबह तो खाली आता है, मगर शाम को लक्ष्मी साधना होते ही भर जाता है। साहब का कहना है ये बैग नहीं बल्कि उनके रिश्वत लेने की नाव है, जो रोज नदी पार जाती है और फिर सुबह लौटकर वापस आ जाती है। खैर अब साहब जानें और उनके चेले। हमें क्या, हम तो चुप ही रहेंगे।

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