UPMSCL: दूसरे राज्यों में ब्लैकलिस्ट फर्मों को दवाओं के ठेके देने की साजिश
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन में करीब 1200 करोड़ के टेंडर में बड़े खेल की तैयारी
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन (यूपीएमएससीएल) में अफसर उन दवा कंपनियों पर भी खासे मेहरबान हैं। जिनको दूसरे राज्यों में ब्लैकलिस्ट की सूची में डाला गया है। कार्पोरेशन अफसर ऐसी कंपनियों को करोड़ों की दवाओं के ठेके देने पर आमादा हैं। पहले भी चहेती फर्मों के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा चुकी हैं।
यूपीएमएससीएल को सालाना मिलता है करीब 1200 करोड़ का टेंडर
स्वास्थ्य विभाग सालाना करीब 800 करोड़ और एनएचएम करीब 400 करोड़ का बजट दवाओं के लिए यूपीएमएससीएल को देता है। दवाओं की आपूर्ति के लिए कार्पोरेशन ने टेंडर नंबर 208 आमंत्रित किया था। तकरीबन 1200 करोड़ का टेंडर अंतिम चरण में है। इसके जरिये सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति होनी है। टेंडर में कम्पनी ऑस्कर रेमेडीज़ प्रा.लि. को भी फाइनेंशियल बिड के बाद दवा उत्पादों के लिए हरी झंडी दिखाई गयी है। कम्पनी को पैरलल रेट कॉन्ट्रैक्ट के लिए ऑफर भी दिया गया है।
उक्त फर्म ऑस्कर रेमेडीज़ तमिलनाडु मेडिकल कार्पोरेशन से 31 जुलाई 2024 से 30 जुलाई 2029 अर्थात पांच वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट है। फर्म को तमिलनाडु कार्पोरेशन के क्वालिटी कंट्रोल विभाग ने दवा मिथाइल प्रेडनिसोलोन टैबलेट आठ एमजी के लिए मिसब्रांडेड करार दिया है। इसके बावजूद यूपी में टेक्निकल इंस्पेक्शन में पास करके फाइनेंशिल बिड भी खोल दी गई।
क्या कहते हैं मेडिकल कार्पोरेशन के एमडी
यूपीएमएससीएल के एमडी जगदीश ने कहा कि हम फ्रेडुलेंट प्रैक्टिस और दवाओं की गुणवत्ता के आधार पर दूसरे राज्यों में ब्लैकलिस्ट फर्मों को टेंडरों में प्रतिभाग की अनुमति नहीं देते है। उक्त कम्पनी को ब्लैकलिस्ट प्रोडक्ट से जुड़े टेंडरों में प्रतिभाग करने नहीं दिया जाएगा। लेकिन बाकी दवाओं के लिए कम्पनी पर कोई रोक नहीं है।
अफसरों का दोहरा मापदंड
ख़ास बात ये है कि मॉडर्न लेबोरेट्रीज नामक एक दूसरी फर्म को भी तमिलनाडु मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन ने ब्लैकलिस्ट किया है। पहले तो यूपी में इस फर्म को मेडिकल कार्पोरेशन ने टेंडर नंबर 208 में प्रतिभाग करने दिया। इसके बाद गर्दन फंसने के डर से फर्म को बाहर का रास्ता दिखाया। लेकिन तमिलनाडु सरकार द्वारा दूसरी ब्लैकलिस्ट फर्म ऑस्कर रेमेडीज को यूपी मेडिकल कार्पोरेशन करोड़ों के ठेके देने पर आमादा है। मानो कार्पोरेशन अफसर मनमानी के चलते दागी कंपनियों के मामलों में पिक एन्ड चूज की प्रक्रिया अपना रहे हैं। शासन को इसकी तत्काल जांच कराना चाहिए।
यूपीएमएससीएल की टेंडर शर्तों का खुला उल्लंघन
यूपीएमएससीएल की टेंडर शर्तों में दिया है कि दूसरे राज्यों से क्वालिटी ग्राउंड पर ब्लैकलिस्टेड फर्मों को यूपी में प्रतिभाग नहीं करने दिया जाएगा। तमिलनाडु कार्पोरेशन के क्वालिटी कंट्रोल विभाग ने इसी ग्राउंड पर उक्त फर्म ऑस्कर रेमेडीज़ को पांच वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट किया है। आदेश भी वेबसाइट पर मौजूद है। फिर भी यूपी मेडिकल कार्पोरेशन को ऐसी दागी फर्में लुभा रही हैं।
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