UP: क्या परिवहन अफसरों की जेब में जा रही थी करोड़ों की कमाई!
प्रदेश भर में अनफिट वाहनों के खिलाफ अभियान से परिवहन निगम को रोजाना करोड़ों की आय, लाखों यात्री भी बढ़े
Sandesh Wahak Digital Desk/ Manish Srivastava: आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर अनफिट बस के कहर ने 18 लोगों को मौत की नींद क्या सुलाया, यूपी के परिवहन महकमें की नींद अचानक से टूट गयी। मुख्यमंत्री योगी की सख्ती के बाद न सिर्फ परिवहन मंत्री सड़कों पर खुद निकले बल्कि बड़े अफसर भी ऐक्शन मोड में आने को मजबूर हो गए।
सड़कों पर मौत का कहर बरपाते ऐसे अनफिट वाहनों से भारी कमाई करने के संगीन आरोप परिवहन अफसरों के दामन पर भी हैं क्योंकि अभियान शुरू होते ही निगम को न सिर्फ करोड़ों की कमाई होना शुरू हो गयी है बल्कि यात्रियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि दर्ज हुई है। अभी तक गड़बड़ परिवहन अफसरों पर कोई शिकंजा नहीं कसा गया है। इसी तरह परिवहन अफसरों ने ओवरलोडिंग घोटाले की नींव रखी थी।
सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे अवैध वाहन
दरअसल अनधिकृत वाहनों और बिना परमिट और फिटनेस के सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू होने के बाद कई खुलासे भी होने शुरू हो गए हैं। अफसरों के मुताबिक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को इस अभियान से रोजाना दो करोड़ की अतिरिक्त आय हो रही है। वहीं परिवहन निगम की बसों में यात्रियों की संख्या भी रोजाना करीब दो लाख के हिसाब से बढ़ी है। हालांकि सख्ती और बरतने पर आय का वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा निकलेगा।
लेकिन एक बात तो साफ है कि अनफिट और बिना परमिट के सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे ऐसे अवैध वाहनों से परिवहन विभाग के अफसरों का संगठित गिरोह तगड़ी वसूली कर रहा है। वरना प्रदेश भर में ऐसे वाहनों के मालिक सैकड़ों किमी तक डग्गामार वाहन नहीं दौड़ाते। जो आय परिवहन निगम के खजाने में जानी चाहिए, उससे जेबें भर रहे इन अफसरों के खिलाफ जांच कराने के आदेश भी नहीं दिए गए हैं।
एक माह अभियान चले तो करीब 60 करोड़ की आय : अजीत
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक अजीत कुमार सिंह के मुताबिक 14 जुलाई के बाद से यात्रियों की संख्या बढ़ी है। अभियान एक माह तक चलाने पर निगम को 50 से 60 करोड़ अतिरिक्त आय होगी। बिना परमिट, बिना फिटनेस संचालित वाहनों से नुकसान उठाना पड़ता है। अंतरराज्यीय एवं अंतरनगरीय प्राइवेट बसें अत्यधिक संख्या में संचालित हो रही हैं, जो निगम की आय में सेंध लगाती हैं।
अरबों के ओवरलोडिंग घोटाले की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई कब
अरबों के ओवरलोडिंग घोटाले में कई जिलों के परिवहन अफसर फंसे हैं।। पिछले वर्ष एसआईटी ने शासन को ओवरलोडिंग घोटाले की जांच रिपोर्ट सौपते हुए कार्रवाई की सिफारिश की थी। रिपोर्ट पर कार्रवाई का अतापता नहीं है। पूर्वांचल में अफसरों की साठगांठ से ट्रकों का ओवरलोडिंग घोटाला अंजाम दिया गया था। गोरखपुर में पहले जांच शुरू हुई। एसटीएफ ने आधा दर्जन गिरफ्तारियां की। जिसके बाद अफसरों की कमीशनखोरी खुली। एसआईटी ने तकरीबन 18 जिलों के अफसरों का चिटठा शासन भेजा था। तकरीबन 15 वर्षों से अवैध वसूली का रैकेट बेख़ौफ़ संचालित किया जा रहा था।
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