UP News: तंबाकू उद्योग युवाओं को बना रहा निशाना, स्वास्थ्य अधिकारियों की जारी की चेतावनी

Sandesh Wahak Digital Desk: राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में पीआरआई (प्रशासनिक प्रशिक्षण) कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों, उनके बचाव, और तंबाकू नियंत्रण पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजय कुमार ने की, जबकि संचालन गैर संचारी रोग विभाग के डॉ. परितोष तिवारी ने किया।

सीएमओ का संदेश

डॉ. संजय कुमार ने कहा कि तंबाकू की लत न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करती है। यह समाज में बढ़ती गंभीर बीमारियों जैसे मुंह, फेफड़े और गले के कैंसर, एलर्जी, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं में जागरूकता की कमी के कारण वे तंबाकू उत्पादों के शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कर्तव्य है कि वह लोगों को जागरूक करे और तंबाकू सेवन रोकने के लिए प्रयास करे।

कार्यशाला में जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि तंबाकू उद्योग युवाओं को निशाना बनाकर उनके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकने और कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है।

कोटपा अधिनियम 2003:

  • धारा 4: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध, पकड़े जाने पर ₹200 जुर्माना।
  • धारा 6बी: विद्यालयों के 100 गज के भीतर तंबाकू की बिक्री प्रतिबंधित।
  • धारा 7: तंबाकू उत्पादों पर चित्र के साथ चेतावनी का अभाव अपराध।

डॉ. परितोष तिवारी ने तंबाकू सेवन से संबंधित बीमारियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे कैंसर, टीवी, श्वास रोग और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन करने वालों के लिए इसे छोड़ना कठिन होता है, लेकिन जागरूकता से इसे रोका जा सकता है।

कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा

कार्यक्रम में तंबाकू के कारण होने वाले मुंह और सर्वाइकल कैंसर पर भी चर्चा की गई। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सरजू खान ने कहा कि तंबाकू न केवल मृत्यु दर बढ़ाता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवाओं की प्रभावशीलता को भी कम करता है।

कार्यक्रम का उद्देश्य

कार्यशाला का उद्देश्य तंबाकू से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज में तंबाकू सेवन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना है। उपस्थित अधिकारियों ने तंबाकू नियंत्रण के लिए समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।

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