UP STF: मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर अनुज कनौजिया मुठभेड़ में ढेर, 2.5 लाख का था इनाम

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) को शनिवार रात एक बड़ी सफलता हाथ लगी जब उन्होंने झारखंड के जमशेदपुर में माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कनौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ यूपी STF और झारखंड पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान हुई, जिसमें करीब 20 राउंड गोलियां चलीं। अनुज कनौजिया पर 2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।
जानकारी के अनुसार, अनुज कनौजिया मुख्तार अंसारी के गुर्गों में एक शार्प शूटर माना जाता था और उसके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। यूपी STF ने पहले अनुज कनौजिया पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, लेकिन बाद में उसकी गिरफ्तारी में रुकावटों को देखते हुए इनाम राशि बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई थी।
5 साल से थी यूपी एसटीएफ को तलाश
अनुज कनौजिया करीब 5 साल से पुलिस को चकमा देते हुए फरार था। उसे पकड़ने के लिए यूपी STF की टीमें लगातार काम कर रही थीं। पुलिस ने उसके खिलाफ दबाव बनाने के लिए पहले आजमगढ़ में उसके घर को बुलडोजर से गिरवा दिया था और उसके परिजनों को भी जेल भेज दिया था। इसके बावजूद वह पुलिस के हाथों नहीं आया।
बता दें कि शनिवार रात हुए इस ऑपरेशन में अनुज कनौजिया मारा गया, जिससे पुलिस को बड़ी राहत मिली है। उसकी गिरफ्तारी की कोशिश में लगी यूपी STF और झारखंड पुलिस ने इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था एवं विशेष कार्यबल) अमिताभ यश ने बताया कि जमशेदपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में मुख्तार अंसारी गिरोह का ‘शार्पशूटर’ अनुज कनौजिया मारा गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों के विभिन्न थानों में कनौजिया के खिलाफ 23 मामले दर्ज थे।
मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव निवासी 42 वर्षीय कनौजिया ने 2003 में इसी जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र में पहली हत्या की थी। इसके बाद अगले कुछ साल में वह हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली समेत कई आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात हो गया। मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों में उसके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम, हत्या और हत्या के प्रयास समेत कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
दो पिस्तौल बरामद
अमिताभ यश ने बताया कि जमशेदपुर में मुठभेड़ के दौरान कनौजिया के पास से पुलिस ने नौ एमएम और .32 बोर की दो पिस्तौल भी बरामद कीं। नौ मिमी पिस्तौल का उपयोग आमतौर पर पुलिस और सैन्य बलों द्वारा किया जाता है। एसटीएफ ने बताया कि जिस मुख्तार अंसारी के संरक्षण में कनौजिया ने अपराध किए, उसी अंसारी की पहली बरसी पर वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में कथित तौर पर हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी। उस समय अंसारी बांदा जिला कारागार में निरुद्ध था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कनौजिया ने शुरू में अपने गांव में व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी ने उसे संरक्षण प्रदान किया और वह जल्द ही गिरोह का एक खूंखार ‘शार्पशूटर’ बन गया।
पहचान छुपाकर घूमता था अनुज
पुलिस ने बताया कि अनुज मऊ और आसपास के जिलों में व्यापारियों से रंगदारी वसूलता था। रंगदारी वसूली में उसका सहयोग करने वाली उसकी पत्नी रीना और शिवरत्न नामक उसके एक रिश्तेदार को करीब दो वर्ष पूर्व जमशेदपुर में गिरफ्तार किया गया था।
अनुज 2022 से जमशेदपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था लेकिन रीना की गिरफ्तारी के बाद वह जमशेदपुर से चला गया था। बाद में वह पहचान छुपाकर फिर वहां रहने लगा। वह जमशेदपुर समेत बिहार एवं झारखंड के विभिन्न शहरों में बार-बार अपना ठिकाना बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा। रंगदारी वसूलने के अवाला वह ठेके-पट्टे में भी हस्तक्षेप कर कमीशन लेता था।
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