UP : घोटाला, निलंबन और एफआईआर फिर भी मैडम का रसूख बरकरार

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जेई ने किया था करोड़ों का घोटाला, विभाग ने निलंबित किया और फिर दे दी महत्वपूर्ण तैनाती

Sandesh Wahak Digital Desk : मैडम मंडी परिषद वाराणसी में अवर अभियंता हैं। विभाग में कोई ऐसा कार्य नहीं जिसमें भ्रष्टाचार न किया हो। 2019 से लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। उच्च स्तरीय जांच कमेटी में एक से एक घोटाले सामने आए। साबित होने के बाद निलंबन और एफआईआर तक झेला।

लेकिन सबकुछ मैनेज कर पुन: पद और भौकाल बरकरार कर लिया। सूचना मिली है कि मैडम ने फिर कई घोटालों को अंजाम दिया। उच्चाधिकारियों ने पत्र लिखने की औपचारिकता शुरू की। लेकिन जिस मंडी में कार्यरत हैं वहां से हटाने का साहस किसी अधिकारी में नहीं दिखा।

अफसरों की मजबूरी ऐसी कि जहां मैडम चाहती हैं वहां तैनाती लेती हैं। इनके खिलाफ हो रही कई जांचे आज भी बंद हैं। जब जांच ही नहीं हो रही तो कार्रवाई क्या होगी। प्रयागराज निर्माण खंड के क्लर्क मंजीत सिंह द्वारा बनाई गई डायरी में भी महिला जेई द्वारा खाते में कमीशन पाया जाना लिखा हुआ है। बावजूद इसके मंडी प्रशासन के नाक के नीचे वह मौज से नौकरी कर रही है।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जेई ने किया था करोड़ों का घोटाला

महिला जेई सुनीता ने भ्रष्टाचार में सबके रिकार्ड तोड़ दिए। तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता के नेतृत्व में किए गए जांच में पता चला था कि इन्होंने चार अनुबंध में बिना ड्राइंग डिजाइन करवा दिए। करोड़ों की कीमत का 163 टन सरिया का फर्जी पेमेंट कर दिया। एक ही सरिया का दो-दो रेटों में भुगतान कर दिया गया। जांच कमेटी को मौके पर टाइल्स दो लाख 85 हजार का मिला था, जबकि भुगतान 34 लाख का किया गया था।

इसी तरह मिट्टी के मद में और फालसीलिंग के मद में सरिया का भुगतान कर दिया था। 20 वर्ष पुरानी बाउंड्रीवाल को नई दिखाकर भुगतान किया गया। सी टाइप की दुकानों में मिट्टी भराई के नाम पर 11 लाख रुपए का फर्जी भुगतान करना पाया गया। सुपर मार्केट एवं सी टाइप दुकानों में पाइल फाउंडेशन में अधिक भुगतान किया गया। राइट्स कमेटी गुडग़ांव द्वारा किसी भी रिपोर्ट में पाइल्स फाउंडेशन का जिक्र नहीं किया गया।

सुनीता, अवर अभियंता
सुनीता, अवर अभियंता

 

विभाग ने निलंबित किया और फिर दे दी महत्वपूर्ण तैनाती

सी टाइप दुकानों में चिनाई के मद में 11 लाख के बदले 26 लाख का भुगतान किया गया। कमालपुर-औरेहरा संपर्क मार्ग की गड्ढामुक्ति में एक भी गिट्टी का कार्य नहीं पाया गया, लेकिन इनके द्वारा 20 लाख का बिल बना दिया गया। बिना निर्मित हुए मात्र 90 मीटर सीसी रोड का तीन करोड़ 74 लाख का भुगतान किया गया। 35 लाख रुपए मुख्यालय से और भी मांगा गया। इस महिला जेई को निलंबित किया गया और एफआईआर भी दर्ज कराया गया।

इसके बाद भी जेई सुनीता को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का प्रभार दिया हुआ है। यही नहीं संयुक्त निदेशक निर्माण इंदल प्रसाद अंतिम जांच दबाए हुए हैं। पुन: तैनाती के बाद भी भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आ रही है। मंडी सूत्रों के मुताबिक तारकोल कंपनी से न खरीदकर प्राइवेट रसीदें लगाई जा रही है। अभी कुछ दिन पहले उपनिदेशक चंदन पटेल द्वारा डीडीसी वाराणसी एसके वर्मा से आख्या मांगी गई, लेकिन कोई भी सूचना उपलब्ध कराई जा रही है।

जेई सुनीता ने खाते में लिया था कमीशन

जेई सुनीता पर सिर्फ पहाड़िया मंडी में ही घोटाले को आरोप नहीं लगें है। क्लर्क मंजीत सिंह की डायरी में पाया गया है कि सुनीता ने खाते में कमीशन लिया है। कई बार मंजीत ने पेटीएम पर कमीशन का धन दिया है। स्वयं मंजीत सिंह ने बताया कि सुनीता के खाते की जांच करा ली जाए अपने-आप दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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