यूपी रोडवेज: संविदा कंडक्टरों की भर्ती में कर्मचारी यूनियन ने लगाया घोटाले का आरोप
Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) के अधिकारी मनमाने काम के लिए जाने जाते हैं। अब निगम के अधिकारियों का एक नया कारनामा प्रकाश में आया है। इसमें अधिकारियों ने निजी एजेंसी से संविदा कंडक्टरों की भर्ती कराई। चयन के बाद उनकी तैनाती प्रयागराज की जगह लखनऊ के कैसरबाग डिपो में कर दी। इसकी जानकारी होने पर जानकार इसमें घोटाले की आंशका व्यक्त कर रहे हैं। यूपी रोडवेज कर्मचारियों की यूनियन ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं।
यूपी रोडवेज में घोटले दर घोटले होते रहते हैं। इनमें समय-समय पर हुए ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, डीजल घोटाला, ग्रीस और टिकट घोटला शामिल हैं। अब संविदा कंडक्टरों की भर्ती में घोटाले की आशंका व्यक्त की जा रही है। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज क्षेत्र में एक निजी एजेंसी के जरिए संविदा कंडक्टरों की भर्ती की गई।
भर्ती प्रयागराज के लिए और तैनाती लखनऊ में
नियमानुसार इसमें चयनित कंडक्टरों को प्रयागराज में तैनाती की जानी चाहिए थी, लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने सभी कंडक्टरों का कैसरबाग लखनऊ में नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है। कंडक्टरों ने काम करना शुरू कर दिया है। इसमें शंका पैदा कराने वाली बात यह है कि कंडक्टरों की भर्ती का विज्ञापन प्रयागराज के लिए निकाला गया। भर्ती भी वहीं के लिए हुई, पर तैनाती की बारी आई तो चयनित कंडक्टरों को लखनऊ के कैसरबाग में कर काम के लिए भेज दिया गया।
वहीं जानकार बताते हैं कि परिवहन निगम के नियमों के मुताबिक ऐसा संभव नहीं है। नियम कहते हैं कि जिस क्षेत्र के लिए चयन किया गया। उनकी तैनाती भी उसी क्षेत्र में की जाएगी। किसी अन्य क्षेत्र में नहीं भेजा जा सकता है, लेकिन रोडवेज के अधिकारियों नियमों की मनमानी व्याख्या कर रहे हैं।
यूनियन का आरोप, भर्ती में हुआ खूब लेनदेन
यह प्रकारण सामने आया तो यूपी रोडवेज के कर्मचारी यूनियन ने इस भर्ती पर सवाल खड़ा कर दिया है। यूनियन का कहना है कि अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ है। भर्ती के लिए विज्ञापन किसी क्षेत्र के लिए किया गया। चयन भी उसी क्षेत्र के लिए हुआ, पर तैनाती अन्य क्षेत्र की गई हो। यूनियन का कहना है कि इसी तरह की वैकेंसी हरदोई और कानपुर क्षेत्र में भी निकाली गई, लेकिन जब मामला खुला तो भर्ती रद्द कर दी गई, पर प्रयागराज क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यूनियन नेताओं का आरोप है कि इस भर्ती में खूब लेनदेन हुआ है और इसी वजह से प्रयागराज में भर्ती परिचालकों को लखनऊ में तैनाती दी गई है।
क्या कहते हैं क्षेत्रीय प्रबंधक
लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार का कहना है कि रोडवेज में टेंडर निकालते समय जितने पद होते हैं उससे 20 फीसदी अतिरिक्त भर्ती की जा सकती है। इन्हीं कंडक्टरों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में रखा जाता है। लखनऊ में प्रयागराज और देवीपाटन क्षेत्र से कुछ कंडक्टरों को तैनात किया गया है, लेकिन वह इस संबंध में कोई आदेश नहीं उपलब्ध करा पाए और न ही ये बता पाए कि यह नियम कब से शुरू हुआ है। उनका कहना है कि ये सब कुछ मुख्यालय ही बता पाएगा।
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