UP Roadways: बसों का फास्टैग हाईजैक कर करोड़ों हड़पने की साजिश, सामने आया फर्जीवाड़ा
परिवहन निगम की 19 बसों में सामने आया फर्जीवाड़ा, प्रदेश भर की हजारों बसों की होगी जांच
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की बसों के फास्टैग को हैक करके करोड़ों हड़पने की साजिश रचे जाने का खुलासा हुआ है। बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध है।
निगम प्रशासन एफआईआर दर्ज कराने के साथ करीब 12 हजार बसों का ऑडिट करायेगा। अफसर इसे बड़ा साइबर हमला करार दे रहे हैं। रविवार की रात कानपुर, झांसी और गोरखपुर मंडल की 19 बसों में टोल प्लाजा पर पहुंचते ही बसों में लगे फास्टैग में गड़बडिय़ां नजर आने लगीं। जहां बैलेंस कम दिखा, वहीं फास्टैग भी आईडीएफसी व आईसीआईसीआई बैंक का दिखने लगा। टोल पर इन बसों के फास्टैग को ब्लॉक की वजह से बसों को दो गुना टोल टैक्स देना पड़ा।
जिसके बाद परिवहन अफसरों में हडक़ंप मच गया। करीब 12 हजार बसों के लिए 11 मंडलों में एसबीआई और नौ में ऐक्सिस बैंक की तरफ से फास्टैग सेवाएं दी जा रही हैं। रोजाना कऱीब दो करोड़ का बैलेंस बसों के फास्टैग खाते में डाला जाता है। शुरूआती फर्जीवाड़े में परिवहन निगम प्रशासन को लाखों की चपत लगने का अंदेशा है। अफसर नुकसान पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। सभी जोन में अलर्ट जारी है। शुरूआती जांच में बैंकों की लापरवाही मिली है।
प्रकरण में एफआईआर दर्ज होगी : जीएम (संचालन)
यूपीएसआरटीसी के जीएम (संचालन) अंकुर विकास ने बताया कि बसों में लगे फास्टैग टोल प्लाजा पर दूसरे निजी बैंकों के दिखाई दे रहे हैं। बैलेंस भी कम दिखा है। एमडी के निर्देश पर मंगलवार को साइबर सेल में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। प्रदेश भर की करीब 12 हजार बसों की जांच करेंगे। बैंकों की भी गलती है। फास्टैग को हाईजैक करने का मामला भी हो सकता है। राजस्व का नुकसान नहीं हुआ। अभी 19 बसों में गड़बड़ी सामने आयी है।
इन सवालों का जवाब नहीं
सूत्रों की माने तो साइबर ठगों ने फास्टैग का पूरा सिस्टम हैक किया है। गड़बड़ी कितने दिनों से जारी थी,इस पर सब चुप हैं। बैलेंस कितना गया, इसका जवाब भी नहीं है। परिवहन अफसरों के मुताबिक रोज फास्टैग की मॉनिटरिंग होती है। अफसर बसों के चेसिस नंबर के सहारे फास्टैग सिस्टम से छेड़छाड़ से इंकार भी नहीं कर रहे हैं। फास्टैग से जुड़े खाते हैक हो जाने की सूचना पर एनएचएआई, यूपीएसआरटीसी, यूपीडा को को भी अलर्ट जारी किया गया है।
Also Read: सरकार का खौफ: माफिया की मौत के बाद नजर नहीं आ रहे नए दावेदार