UP Politics : क्या पूरी होंगी राजभर और दारा की उम्मीदें? बीजेपी के जिम्मेदार भी चुप
यूपी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर कयासों का बाजार गर्म
Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी में मिशन 80 को देखते हुए सामाजिक समीकरण साधने के लिए भाजपा के दिग्गज सियासी मंथन में तेजी से जुटे हैं। इसी के मद्देनजर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी भाजपा को मूल मंत्र देते हुए बाकी धर्मों के लोगों में पैठ बढ़ाने का सन्देश दिया था।
फिलहाल सामाजिक समीकरण को संतुलित रखने के लिए योगी सरकार के विस्तार की खबरें फिर सुर्खियों में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नवरात्र के दौरान या उसके बाद सीएम योगी के मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। लेकिन एक धड़ा मंत्रिमंडल विस्तार को सिर्फ कयासबाजी करार दे रहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लोकसभा चुनाव तक टाले जाने की उम्मीद
दरअसल घोसी में हार का स्वाद चख चुके पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान ने हाल ही में फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इसके बावजूद सरकार या भाजपा के जिम्मेदार इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि घोसी की हार के बाद सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर और दारा की साख को बेहद धक्का पहुंचा है। ऐसे में फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार को लोकसभा चुनाव तक टाले जाने की उम्मीद है।
हालांकि एक खेमे के मुताबिक पितृ पक्ष खत्म होते ही नवरात्र में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि भाजपा की सबसे बड़ी चिंता दलित वोटों को लेकर है। बीते तीन उपचुनाव में दलित वोट पाने में भाजपा उम्मीदों के मुताबिक बेहतर प्रदर्शन करने में सफल नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक इसी को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी सरकार के विस्तार की संभावनाओं के मद्देेनजर ओबीसी और दलित चेहरों को मंत्री पद से नवाजने को कहा है।
हालांकि इस कड़ी में दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर पहले से सूची में है। लेकिन दलित चेहरे के लिए भाजपा किस पर दांव लगाएगी। ये देखना लाजिमी होगा। सरकार में पहले से ऐसे चेहरे हैं। बता दें, असीम अरुण को भी इसी कोटे के तहत मंत्री बनाया गया था। ऐसे में नया सशक्त दलित चेहरा ढूंढना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा।
मंत्रिमंडल का अंकगणित
योगी के मंत्रिमंडल में फिलहाल 52 मंत्री हैं। 52 मंत्री होने के बावजूद अभी भी 8 सीटें मंत्रिमंडल के लिए खाली हैं। ऐसे में माना जा रहा है आगामी आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा नया समीकरण सेट करने की कोशिश कर रही है ताकि इसका लाभ साल 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सके। मौजूदा समय में योगी सरकार में कुल 52 मंत्री हैं। जिसमें 18 कैबिनेट, 14 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री हैं। सीएम समेत कुल मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है।
राजभर के बेटे तो पहले ही दावा ठोंक चुके
भाजपा के एक नेता का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए भी पार्टी के कई मंत्रियों का नाम चल रहा है। जिनकी हार जीत तय होने के बाद पुन: मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है। फिलहाल कुछ नेताओं को मिशन 2024 के लिहाज से मंत्री पद जल्द मिलने के संकेत हैं। हालांकि सुभासपा प्रमुख के बेटे तो राजभर को कई विभाग मिलने का दावा पहले ही ठोंक चुके हैं।
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