UP Politics : कांग्रेस की आपसी गुटबाजी प्रत्याशियों पर न पड़ जाए भारी !

राकेश यादव

Sandesh Wahak Digital Desk : प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। एक-एक कर नेताओं का कांग्रेस छोडक़र अन्य दलों में जाना नगर निकाय चुनाव में महापौर और पार्षद प्रत्याशियों पर भारी पड़ सकता है। कांग्रेस का नया नेतृत्व पुराने कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आ रहा है।

यही वजह है कि पार्टी में महापौर और पार्षद के टिकट वितरण में हुई मनमानी से आजिज आकर कई वरिष्ठ कांग्रेसियों ने पार्टी से पल्ला झाड़ लिया। पुराने दिग्गज और नए कांग्रेसियों की गुटबाजी का असर राजधानी के महापौर समेत अन्य पार्षद प्रत्याशियों का भुगतना पड़ सकता है। इसका असर नगर निकाय के चुनाव परिणामों में सामने आने की भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। प्रदेश में हाशिये पर चल रही कांग्रेस को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कांग्रेस हाईकमान आए दिन नए नए प्रयोग कर रहा है।

प्रांतीय अध्यक्षों को जोन वार सौंपी गईं जिम्मेदारियां

इस कड़ी में कांग्रेस आला कमान ने जातीय समीकरण को देखते हुए एक प्रदेश अध्यक्ष के अलावा छह प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किए। इन सभी प्रांतीय अध्यक्षों को जोन वार जिम्मेदारियां सौंपी गई। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जनता को जोड़ने के लिए भारत जोड़ा यात्रा निकाली। इसका काफी असर भी दिखाई पड़ा। आला कमान के प्रदेश कांग्रेस के नए नेतृत्व से पुराने दिग्गज कांग्रेसी काफी खफा नजर आए। नए नेतृत्व में अधिकांश उन नेताओं को तहजीह दी गई जो बसपा छोडक़र कांग्रेस में आए थे। इस नेतृत्व ने पुराने दिग्गज नेताओं को दर किनार कर दिया।

बताया गया है कि प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत के चुनाव की घोषणा के बाद टिकट वितरण में जमकर धांधलेबाजी की गई है। इस धांधलेबाजी से रुष्ट होकर दो दिन पहले राजधानी लखनऊ के दो नगर अध्यक्षों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक पूर्व अध्यक्ष तो भाजपा में शामिल  हो गए।

कई कांग्रेस नेता अन्य दलों में हुए शामिल

इसी क्रम में लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रमेश श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेतृत्व के उपेक्षापूर्ण रवैये से आहत आकर कांग्रेस छोडक़र प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। एकाएक इन नेताओं के कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल होने का असर राजधानी में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही महापौर प्रत्याशी और पार्षदों के चुनाव पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में चर्चा है कि इससे पूर्व कांग्रेस की महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने कांग्रेस का बंटाधार किया तो अब नए नेतृत्व ने टिकट वितरण में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने से नाराज कांग्रेसियों ने दूसरों दलों की ओर रुख कर लिया है।

मीडिया इंचार्ज एवं प्रवक्ता ने मामले पर साधी चुप्पी

प्रदेश के पुराने दिग्गज कांग्रेसियों के अन्य दलों की सदस्यता लेने के संबंध में जब प्रदेश कांग्रेस मीडिया इंचार्ज एवं प्रवक्ता अशोक सिंह से बात की गई तो उन्होंने लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि व्यक्ति स्वंतत्र है। वह कहीं भी जा सकता है। पार्षद और महापौर के टिकट में धांधली और पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने के साथ वसूली के आरोप पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।

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