UP Politics : यूपी में कांग्रेस को सीट बंटवारे में तवज्जो नहीं देगी सपा

इंडिया गठबंधन के घटक क्षेत्रीय दलों के तेवर अचानक बदले

Sandesh Wahak Digital Desk : तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन के घटक क्षेत्रीय दलों के तेवर अचानक से बदल गए हैं। खासकर दिल्ली की सत्ता की अहम सीढ़ी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में।

उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की तरफ से दो टूक शब्दों में संकेत दे दिया गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत सीट बंटवारे की जिम्मेदारी न सिर्फ पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के हाथों में होगी। बल्कि वह कांग्रेस को दो से ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं हैं।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने इस मुद्दे पर कहा कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में केवल दो सीट दे सकती है, जो कांग्रेस समाजवादी के सहयोग से जीत सकती है। इससे ज्यादा सीट देना भाजपा की मदद करना होगा। जबकि समाजवादी पार्टी भाजपा को पूरे देश में हराना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस को आगामी लोस चुनाव में समाजवादी पार्टी का साथ देना चाहिए।

कांग्रेस-सपा के बीच खूब जुबानी जंग देखने को मिली

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के तहत 7 सीटों की मांग की थी। लेकिन कांग्रेस की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया था कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए हैं। इसके बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में खूब जुबानी जंग देखने को मिला था। अब समाजवादी पार्टी का सन्देश साफ है कि कांग्रेस को वह सिर्फ दो ही सीट देगी। पहले भी समाजवादी पार्टी और बसपा की तरफ से अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी नहीं उतारे गए थे।

कांग्रेस की सियासी जमीन सिर्फ दो लोकसभा सीटों के लायक

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने इस मुद्दे पर कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासी जमीन सिर्फ 2 लोकसभा सीटों के लायक है। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार उसके गलत फैसलों की वजह से हुई। कांग्रेस की इस हार से इंडिया गठबंधन की एकता का संदेश कमज़ोर हुआ। फखरुल हसन ने कहा कि यही वजह कि अब भाजपा समय से पहले चुनाव कराना चाहती है।

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