UP Politics : लखनऊ में बोले शाह, सपा-बसपा और कांग्रेस ने पिछड़ा समाज को नहीं दी संवैधानिक मान्यता
Sandesh Wahak Digital Desk : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा कई बार सत्ता में रहे या सत्ता में हिस्सेदार रहे लेकिन इन दलों ने कभी भी पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता नहीं दिया।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (सोनेलाल) की ओर से संगठन के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की 74वीं जन्म जयंती पर आयोजित ‘जन स्वाभिमान दिवस’ समारोह को संबोधित कर रहे थे ।
शाह ने संबोधन में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी, सपा (समाजवादी पार्टी), बसपा (बहुजन समाज पार्टी) कई बार सत्ता में रहे, सत्ता में हिस्सेदार रहे लेकिन कभी पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता नहीं दिया।’
उन्होंने कहा, ‘इन दलों ने कभी भी दलित और आदिवासी भाइयों के आयोग की तरह आयोग नहीं बनाया। मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) ने पिछड़ा समाज के लिए आयोग बनाकर पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया और इससे पिछड़ा कल्याण का रास्ता प्रशस्त हुआ।’
गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भाजपा और राजग की यह पहली मंत्रिपरिषद है। जिसमें 27 पिछड़ा समाज के नेता मंत्री बनकर पिछड़ा समाज का कल्याण कर रहे हैं। अगर पहली बार सबसे ज्यादा पिछड़ा समाज, आदिवासी और दलित समाज के सांसद किसी गठबंधन में चुनकर आये हैं तो वह राजग गठबंधन में आये हैं।
नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान करते हुए मोदी की अगुवाई वाली सरकार की उपलब्धियां गिनाई।
उन्होंने इसके साथ सही प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में कानून-व्यवस्था और योजनाओं के क्रियान्वयन की सराहना की।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा, ‘सोनेलाल जी का पूरा जीवन दलित पिछड़े आदिवासी वंचित समाज के लिए संघर्ष करने में गया है। पूरा जीवन उन्होंने गरीब तबके के सभी समाजों को एकत्रित कर संघर्ष के रास्ते पर चलकर उनके जीवन में खुशियां भरने का कार्य किया। कई बार जेल गये, प्रताड़ना झेली लेकिन पिछड़ों के लिए संघर्ष की राह नहीं छोड़ी।’
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