UP Politics यूपी में भाजपा के मिशन 2027 की कमान संभालेगा संघ!

Sandesh Wahak Digital Desk:  लोकसभा चुनाव में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) ने दूरी क्या बनाई, भाजपा का चार सौ पार का नारा ताश के पत्तों के माफिक मानो ढह गया। खराब प्रदर्शन के बाद मिले झटकों से भाजपा को उबारने के लिए संघ एक बार फिर कमान संभालता नजर आ रहा है।

खासतौर पर यूपी के मिशन 2027 के लिए आरएसएस ने अभी से सियासी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए संघ की रांची बैठक में आगे का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। हालांकि संघ के जिम्मेदारों के मुताबिक शताब्दी वर्ष समारोह के आयोजन तथा संगठन का विस्तार करने समेत कई अहम मुद्दों पर ही उनका मुख्य फोकस है।

दरअसल रांची में संघ के प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक का शुक्रवार को आगाज हो गया। हालांकि बैठक को महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में कुछ माह बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव से जोडक़र भी देखा जा रहा है। लेकिन संघ की पहली प्राथमिकता सिर्फ उत्तरप्रदेश है। जिसके कारण भाजपा को पूर्ण बहुमत से हाथ धोना पड़ा।

संघ के शीर्ष नेतृत्व को सियासी हालात की दी जानकारी

यूपी से गए क्षेत्रीय और प्रांत प्रचारकों ने शुक्रवार को संघ के शीर्ष नेतृत्व को सियासी हालात की जानकारी भी दी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों पर संघ-भाजपा के नेता बारीकी से चर्चा करके खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और देश के 46 प्रांतों के प्रचारक शामिल हैं।

आरएसएस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले दिन लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का असर यूपी में जल्द होने जा रहे उप चुनाव और मिशन 2027 पर पडऩे संबंधी संभावनाओं को टटोला गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में आरएसएस की रणनीति से भाजपा को खासा लाभ हुआ था। रांची की बैठक में तीन दिनों के दौरान संघ प्रदेश भर में फैले स्वयंसेवकों को भाजपा की नींव पुन: उन क्षेत्रों में मजबूत करने को कहेगा। जहां भाजपा की करारी हार हुई है। इसमें सबसे पहले नंबर पर अयोध्या मंडल का नंबर आता है। शनिवार और रविवार की बैठक के दौरान आरएसएस प्रचारकों को भाजपा के सांगठनिक ढांचे में भेजने पर मुहर भी लगाई जा सकती है।

प्रचारकों के सामने नड्डा दे सकते हैं सफाई 

आरएसएस की बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष समेत कई नेताओं के शिरकत करने की उम्मीद है। संघ प्रचारकों के सामने नड्डा अपने उस बयान पर सफाई देते नजर आ सकते हैं। जिसके कारण लोकसभा चुनाव के दौरान संघ के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा से दूरी बनाई थी। नतीजतन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने खासतौर पर यूपी में झटकों का सामना किया।

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