UP Politics: प्रियंका गांधी बढ़ाएंगी यूपी की सियासत में सक्रियता, ये हैं बड़ी वजह
Sandesh Wahak Digital Desk : भाजपा सरकार की तरफ से लाया गया महिला आरक्षण बिल (women’s reservation bill) को लेकर पूरा देश में सियासत तेज हो गई है। खासतौर पर राजनीति में सक्रिय महिलाओं के लिए बिल और महत्वपूर्ण हो जाता है। इस विधेयक के कानून बनते ही लोकसभा में 181 सदस्य महिलाएं होंगी। वर्तमान में महिला सदस्यों की संख्या 82 है।
फिलहाल इस विधेयक को अभी कानून बनने में समय है। लेकिन विपक्ष की कोशिश ये रहेगी कि इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार के जवाब देने के लिए किसी महिला नेता को मुख्य भूमिका में रखा जाए।
ऐसे में कांग्रेस पार्टी के पास सबसे बड़ा चेहरा प्रियंका गांधी ही नजर आती हैं। इसके पहले भी देखा गया है कि देश के सबसे बड़े सियासी सूबे उत्तर प्रदेश का प्रियंका गांधी को प्रभारी बनाकर भेजा गया। जहां प्रियंका गांधी ने सुर्खियां तो बटोरी लेकिन चुनाव के परिणाम निराशा जनक रहे।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी ने सक्रियता कम
तो वहीं यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का सामना करने के बाद से ऐसा देखा गया था कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी ने सक्रियता कम कर दी थी। इस दौरान देश सियासत में तो प्रियंका गांधी सक्रिय नजर आई लेकिन उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर उतना गंभीर नहीं दिखी। जितनी गंभीरता विधानसभा चुनाव के समय देखी गई थी। इस दौरान न ही उन्होंने उत्तर प्रदेश का दौरा किया लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होती नजर आ रही हैं।
तो वहीं राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा को मनाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर है। यह बात तो तय है कि अगर बसपा के साथ भी कांग्रेस गठबंधन में कामयाब होती है। तो उसे सियासी मजबूती जरूर मिलेगी।
सियासी गठबंधन में मुख्य भूमिका निभाने की चर्चा
हालांकि अभी कोई अधिकारी कार्यक्रम नहीं जारी हुआ है ना ही पार्टी की ओर से किसी राजनीतिक कार्यक्रम की सूचना दी गई है लेकिन जिस तरह से प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने और सियासी गठबंधन में मुख्य भूमिका निभाने की चर्चा हो रही है। उससे यह बात तो स्पष्ट है कि प्रियंका गांधी जल्द ही उत्तर प्रदेश का रुख करेंगी।
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