UP Politics: राहुल गांधी पर बृजभूषण की नरमी से बढ़ी राजनीतिक गर्मी!

Sandesh Wahak Digital Desk: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की मृत्यु के बाद उनका स्मारक या अंत्येष्टि स्थल बनाने के नाम पर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाजी में अब बृजभूषण शरण सिंह की एंट्री हो गई है। पिछले दिनों बृजभूषण सिंह ने राहुल गांधी और कांग्रेस को नए साल 2025 पर राजनीति में सीरियस हो जाने की नसीहत देते हुए कहा कि स्मारक की मंजूरी मिलने के बावजूद बचकानी राजनीति हो रही है। बृजभूषण ने कहा कि देश को राहुल गांधी की जरूरत है। उनके इस बयान ने देवीपाटन मंडल की राजनीति में गर्मी ला दी है और सत्तापक्ष के साथ ही विपक्षी दलों द्वारा भी बृजभूषण के बयान के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।

देश को राहुल गांधी की जरूरत- बृजभूषण

कैसरगंज से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का बड़ा बयान सामने आया। पहली जनवरी को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि देश को राहुल गांधी की जरूरत है। राहुल को साल 2025 में सीरियस हो जाना चाहिए और अपनी बचकानी हरकतें छोड़ देनी चाहिए। बृज भूषण सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल को अयोध्या आना चाहिए और वहां जाकर भगवान श्रीराम और हनुमान जी के दर्शन भी करने चाहिए।

बृजभूषण ने आगे कहा कि राहुल गांधी सद्बुद्धि प्राप्त करें और देश के लिए जो जरूरी मुद्दे हैं, वह उठाते रहें। पूर्व बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि विपक्ष और राहुल गांधी का राजनीति में सक्रिय रहना बहुत जरूरी है, मगर वह जनता से जुड़े ऐसे मुद्दे उठाएं जिसका जनता से सरोकार हो। बृजभूषण शरण सिंह के इस बयान ने भीषण ठंड में भी देवीपाटन मंडल की राजनीति में गर्मी ला दी है और सियासी गलियारे में उनके इस बयान के निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं।

राहुल गांधी को दी नसीहत

दरअसल, पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर रहते आए हैं। उनकी शायद ही कोई ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस रही हो, जिसमें उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना न साधा हो, लेकिन नये साल के मौके पर पहली जनवरी को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने न सिर्फ राहुल के प्रति नरमी दिखाई बल्कि उन्हें नसीहत भी दी।

बृजभूषण द्वारा राहुल गांधी को ‘देश की जरूरत’ बताने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ ही मुख्य विपक्षी कांग्रेस व समाजवादी पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दलों में भी तरह-तरह की सुगबुगाहट और कयासबाजी शुरू हो गयी है। लोग इसे आने वाले समय में भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के अगले राजनीतिक कदम के संकेत के रूप में भी देख रहे हैं।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं बृजभूषण सिंह

वैसे भी गोण्डा के साथ ही देवीपाटन मंडल के बहराइच, बलरामपुर समेत अयोध्या व आसपास के जिलों में भी यह चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बृजभूषण सिंह बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई गयी थीं, जो गलत साबित हुई थी। वहीं दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि राजनीति का अखाड़ा न छोड़ने और लोकसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले रखने वाले बृजभूषण शरण सिंह की हसरतें जवां-जवां हैं। ऐसे में वह कभी भी, कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं।

भाजपा में हाशिए पर सूरमा!

बाहुबली नेताओं में गिने जाने वाले छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह की हसरत केंद्र सरकार में मंत्री पद हासिल कर अपना राजनीतिक कद और रूतबा बढ़ाने की रही, लेकिन आपराधिक मामलों के चलते उनकी मंशा पर पानी फिरता रहा। बेटे प्रतीक भूषण सिंह के गोण्डा सदर सीट से विधायक चुने जाने के बाद उनकी हसरतें फिर परवान चढ़ीं, लेकिन नाकामयाब रहीं।

वहीं दूसरी तरफ, बृजभूषण के धुर राजनीतिक विरोधी गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया को इस बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया, जिससे बृजभूषण को आघात पहुंचा। यह बात और है कि उन्होंने इसे जाहिर नहीं होने दिया। सूत्र बताते हैं कि महिला पहलवान प्रकरण के बाद से ही भाजपा और बृजभूषण के बीच खाईं गहरी होती गयी। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें हाशिए पर कर दिया है। यह उपेक्षा भी बाहुबली को अंदर ही अंदर कचोट रही है।

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