UP Politics: पूर्वांचल में सियासी दलों के मिशन 2024 को सहारा देंगे माफिया
एनडीए के सहयोगी सुभासपा के खेमे में ब्रजेश, इंडिया गठबंधन के सूत्रधार नीतीश को धनंजय से लगाव, अमरमणि भी चुकाएंगे कर्ज
Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी में एक तरफ भाजपा जहां मिशन 80 के तहत सियासी दमखम की पुरजोर तैयारियों में व्यस्त है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती मिशन 2024 को लेकर अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। सियासी गलियारों में माफियाओं के प्रवेश से दलों को कभी हिचक नहीं रही।
माफिया को संसद तक पहुंचाने के लिए खींचा जा रहा सियासी खाका
इसका अंदाजा सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू ने दिखा दिया है। एक दल एनडीए का हिस्सा है तो दूसरा विपक्ष के इण्डिया गठबंधन का। इससे साफ़ है कि मिशन 2024 में माफियाओं को देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद पहुंचाने का सियासी खाका खींचा जा रहा है। खासतौर पर पूर्वांचल के लिए।
हाल ही में एनडीए के सहयोगी सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने एलान किया है कि उनकी पार्टी कुख्यात माफिया व पूर्व एमएलसी ब्रजेश सिंह को गाजीपुर से चुनाव लड़ाएगी। वहीं चंदौली से भी आजमाए जाने के संकेत मिले हैं। हालांकि भाजपा ने सुभासपा के इस कदम पर सख्त तेवर जरूर दिखाए हैं।
लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि सत्ताधारी दल के राज में ब्रजेश सिंह को न सिर्फ लगातार कोर्ट से राहत मिल रही है बल्कि वो सियासी तौर पर पूरी तरह सक्रिय भी हो गया है। गाजीपुर को माफिया मुख्तार अंसारी का गढ़ कहा जाता है। उसके साम्राज्य को योगी सरकार ने नेस्तनाबूद करने का संकल्प किया है।
बड़े माफिया की चुनावी किस्मत के दरवाजे खोलने में जुटा NDA का सहयोगी दल
सरकार का ये कदम वाकई सराहनीय है, लेकिन अगर एनडीए का सहयोगी दल यहां से एक बड़े माफिया की चुनावी किस्मत के दरवाजे खोलने में जुटा है तो विपक्ष इस पर जरूर सवाल उठाएगा। इसके बाद बारी गोरखपुर के माफिया व पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की है। जो हाल ही में वर्षों बाद जेल से रिहा हुए हैं। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि गोरखपुर समेत पूर्वांचल में अमरमणि भाजपा को सियासी लाभ पहुंचाने की रणनीति में जुटेंगे।
वहीं बड़े दावे करने वाले इण्डिया गठबंधन के सूत्रधार बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जदयू में राष्ट्रीय महासचिव की बड़ी जिम्मेदारी माफिया व पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सौंपी है। इस लिहाज से यूपी की कमान उन्ही के पास है। जौनपुर से इस माफिया का लोकसभा चुनाव लडऩा तय माना जा रहा है। पूर्वांचल में माफियाओं की लम्बी फेहरिस्त है।
राजभर के बेटे के रिसेप्शन में माफियाओं ने बनाई रणनीति
कुछ माह पहले सुभासपा प्रमुख के बेटे अरुण राजभर की रिसेप्शन पार्टी में धनंजय सिंह और ब्रजेश सिंह समेत मुख्तार के बड़े भाई सिगबतुल्लाह अंसारी के बेटे विधायक मन्नू अंसारी भी पहुंचे थे। यहां मुख्तार के कुछ बेहद करीबी और कुछ विरोधी खेमे के नेता भी नजर आए। इस राजनीतिक जमावड़े से पूर्वांचल में नए समीकरण बनने का अंदाजा तभी लग गया था। धनंजय, ब्रजेश सिंह और ओपी राजभर ने इस दौरान बंद कमरे में लम्बी चर्चा भी की थी।
शीतकालीन सत्र के बाद विस्तार, सीएम ने मंत्रियों से रिपोर्ट कार्ड मांगा
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा तय होगी। सुभासपाअध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात 30 नवंबर के बाद अमित शाह से होनी है। इस मुलाकात में विस्तार की तिथि पर मुहर लग जाने की उम्मीद है।
वहीं सीएम योगी ने अपने सभी मंत्रियों से उनका रिपोर्ट कार्ड तलब कर लिया है। 28 नवंबर को बैठक है। इस दिन पहले मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे। फिर 5 बजे से मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इस दौरान मंत्रियों को अभी तक के किए गए काम और अगले 3 माह की कार्ययोजना का ब्योरा बताना है। इसी के आधार पर मंत्रियों का परफार्मेंस और मंत्रिमंडल में बदलाव तय होगा।