UP Politics: प्रदेश की राजनीति में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य!
उत्तर प्रदेश की बैठकों में उनकी गैर मौजूदगी तरह-तरह के सवाल को दे रही है जन्म, लोग कर रहे हैं चर्चा
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी छोड़ दिल्ली की परिक्रमा कर रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की राजनीति का परिणाम क्या होगा? यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। मगर वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में रूचि में नहीं ले रहे हैं। यह चर्चा आम हो चली है। बड़े नेताओं और राष्ट्रीय स्तर की बैठकों में वह हिस्सा तो ले रहे हैं। मगर प्रदेश स्तरीय बैठकों से वह लगातार नदारद रह रहे हैं।
यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम चार जून को आया था। इसमें उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन खराब साबित हुआ। इसके बाद से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। मंत्रिमंडल की दो महत्वपूर्ण बैठक, मंत्रिपरिषद की एक सामान्य बैठक और उत्तर प्रदेश सरकार के कई कार्यक्रमों से केशव प्रसाद मौर्य नदारद रहे। हां, यह बात अलग है जब दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे तो वह उनकी बैठक में जरूर मौजूद रहे। केशव प्रसाद मौर्य इससे पहले भी दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात करते रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मगर उत्तर प्रदेश की बैठकों में उनकी गैर मौजूदगी तरह-तरह के सवाल को जन्म दे रही है। वह दिल्ली को तो हां करते हैं मगर यूपी को ना करते जा रहे हैं। इसके बाद से उनके भविष्य को लेकर संगठन और सरकार से जुड़े लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। मगर गुत्थी सुलझा नहीं रही। मौर्य के भविष्य को लेकर कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि उनके क्षेत्र में बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसलिए उनका भविष्य असुरक्षित है। जबकि कुछ लोग मानते हैं कि उनको संगठन कोई नई और बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। मगर दोनों ही पक्ष इस बात को तय मान रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ ना कुछ तो चल रहा है।
यूपी की दो कैबिनेट बैठक से गायब रहे केशव
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पिछले दिनों एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं आए। वह लखनऊ में ही नहीं थे। कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होने के बावजूद उनका राजधानी में ना होना सियासी हलकों में चर्चा का विषयबना हुआ था। चर्चा इस बात की भी थी कि कैबिनेट मीटिंग के दिन केशव प्रसाद मौर्य आखिर कहां चले गए हैं? उनका कोई औपचारिक कार्यक्रम किसी शहर में नहीं बताया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के लिए कैबिनेट मीटिंग से बड़ा आयोजन क्या हो सकता है यह भी सवाल था? बाद में पता चला कि इस दिन वे दिल्ली में थे। इससे पहले की कैबिनेट मीटिंग में भी वे शामिल नहीं थे और मंत्रिमंडल की एक सामान्य बैठक से भी नदारद थे।
बीएल संतोष की बैठक में पहुंचे मौर्य
इसके विपरीत जब बीते शनिवार को राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे और उन्होंने यहां बैठक ली तो उस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केशव प्रसाद मौर्य ने भी शिरकत की। जिससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में होने वाली बैठक में उनकी कोई रुचि नहीं है। मगर राष्ट्रीय स्तर के नेता के आने पर वह तत्परता से बैठक में आते हैं।
सिराथू और कौशांबी में मिली हार से मौर्य के भविष्य पर संकट
राजनीतिक विश्लेषक बताते कि केशव प्रसाद मौर्य के भविष्य पर प्रश्नवाचक चिह्न लगा हुआ है। पहले विधानसभा चुनाव के दौरान सिराथू में उनकी हार हुई और इसके बाद लोकसभा चुनाव में कौशांबी सीट भी बीजेपी हार गई। जैसे कि रिपोर्ट सामने आ रही है मौर्य जाति का वोट भी बीजेपी को काफी कम मिला है, जिससे निकट भविष्य में मौर्य को लेकर संगठन कोई बड़ा फैसला कर सकता है।
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