UP Politics : गोण्डा में बंजर हो चुके कांग्रेस के जनाधार को मिल रही संजीवनी!
Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: गोंडा जिले में लगभग समाप्त हो चुकी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को जैसे संजीवनी मिल गयी है। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता संगठन को मजबूत करने के साथ ही राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों को धरातल पर उतारकर मजबूत सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं।
कांग्रेसियों में इस ऊर्जा का संचार तब हुआ, जब मेन बॉडी का जिलाध्यक्ष पार्टी के जमीन से जुड़े वरिष्ठ नेता प्रमोद कुमार मिश्र और अल्पसंख्यक विभाग का जिलाध्यक्ष सपा छोड़कर आए सगीर अहमद खान को बनाया गया।
यूपी के साथ ही गोण्डा में भी पार्टी हाशिए पर
एक समय था जब जिले में लोकसभा से लेकर विधानसभा तक कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन वक्त ने करवट बदली तो यूपी के साथ ही गोण्डा में भी पार्टी हाशिए पर आ गयी। गोण्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर साल 1957 में दिनेश प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की थी, जबकि 1962 में राम रतन गुप्ता कांग्रेस से जीते थे। वर्ष 1967 में सुचेता कृपलानी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की तो 1971 में मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह कांग्रेस के हाथ को मजबूत करते हुए संसद में पहुंचे। इसके बाद साल 1980, 1984 और 1989 में लगातार कांग्रेस के आनंद सिंह ने अपना परचम लहराया था।
मंदिर आंदोलन के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने जिले में अपनी पैठ बनाई और वर्ष 1991 में भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद गोण्डा लोकसभा सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गयी, लेकिन साल 2009 में बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर संसद में पहुंचे। हालांकि, उस समय गोण्डा लोकसभा क्षेत्र का समीकरण कुछ ऐसा था जिसका सीधा फायदा बेनी प्रसाद वर्मा को मिला था।
अब एक बार फिर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमीन तैयार करने में जुट गयी है जिसे संजीवनी दे रहे हैं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्र व अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सगीर खान। दोनों पार्टी के अभियानों को गति दे रहे हैं वहीं बल्कि ब्राह्मण के साथ-साथ मुस्लिम व दलित समाज के लोगों को पार्टी से जोडक़र संगठन के साथ ही बंजर हो चुकी सियासी जमीन को भी उपजाऊ बनाकर आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को फर्श से अर्श पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
गुटबाजी से हो रहा नुकसान
कांग्रेस में गुटबाजी भी चरम पर है। पार्टी के कुछ लोग जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्र को नहीं पचा पा रहे हैं। इनमें कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रफीक रैनी व करनैलगंज के त्रिलोकी नाथ तिवारी के साथ कुछ अन्य लोग भी बताए जाते हैं, जो पर्दे के पीछे से गुटबाजी को हवा देने का काम कर रहे हैं। नगर अध्यक्ष रफीक रैनी तो प्रमोद मिश्र को जिलाध्यक्ष ही मानने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर पार्टी में वर्चस्व की भी लड़ाई चल रही है।
नकुल दुबे आज खोरहंसा में
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष (अवध जोन), नकुल दुबे 27 नवंबर सोमवार को गोण्डा आ रहे हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्र ने बताया कि नकुल दुबे खोरहंसा स्थित गांधी मैदान में अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित दलित गौरव संवाद, स्वाभिमान के वास्ते-संविधान के रास्ते कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं।
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