UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में कर दिया सरेंडर!
रायबरेली का गढ़ छोड़कर सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए किया नामांकन, उठे सियासी सवाल
Sandesh Wahak Digital Desk : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मिशन 2024 के लिए भले अंगड़ाई लेती नजर आ रही है। लेकिन उत्तरप्रदेश के जिन जिलों अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस परिवार की मानो आत्मा जुड़ी थी। उससे दूर होने पर सियासी सवाल न सिर्फ उठने लाजिमी है बल्कि इस कदम को कांग्रेस की अस्मिता बचाने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
अभी तक सपा से यूपी में दोस्ताना साथ की इबारत परवान नहीं चढ़ सकी है। बुधवार को जयपुर में सोनिया ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस के इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के सामने सरेंडर की पटकथा भी करार दिया जा रहा है।
सपा और कांग्रेस की खटपट लगातार सुर्खियों में
राजनीति में आने के बाद से लगातार 1999 से जनता के सीधे मतों से चुनकर सोनिया लोकसभा पहुंचती रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस परिवार की सबसे हॉटसीट रायबरेली से हटना पड़ा। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी हार का स्वाद चखने के बाद अमेठी छोड़कर वायनाड का रुख कर चुके हैं। सियासी गलियारों में सपा और कांग्रेस की खटपट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है।
हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का एलान जरूर किया है। इसके बावजूद अभी तक सपा से सीटों के फॉर्मूले पर अंतिम मुहर नहीं लगाई गयी है। वहीं कांग्रेस के दावे वाली सीटों पर भी सपा ने पहले ही प्रत्याशी उतार रखे हैं।
अयोध्या में राम लला के मंदिर को लेकर भाजपा के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं। ऐसे में कांग्रेस परिवार के सबसे अहम सदस्य यानि सोनिया गांधी का राजस्थान का रुख करना इस बात का संकेत भी देता है कि इस बार पार्टी की परम्परागत सीटों का सियासी गणित उसके अनुकूल नहीं नजर आ रहा है।
भाजपा को आरएलडी से गठबंधन की नौबत क्यों पड़ी : अजय राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि भाजपा इतनी ही मजबूत है तो उसे लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी से गठबंधन की नौबत आखिर क्यों पड़ी। भाजपा अपनी चीजों को पहले देखे। उसका रायबरेली से कोई लेनादेना नहीं है। राय ने कहा कि हम ताकतवर थे, हमेशा रहेंगे।
भाजपा बोली, गांधी परिवार ने अब ‘अपने गढ़’ छोड़ दिए
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को कहा कि अमेठी में कांग्रेस की करारी हार के बाद, रायबरेली की बारी थी। राज्यसभा का विकल्प चुनने का सोनिया गांधी का निर्णय एक आसन्न हार की स्वीकारोक्ति है। मालवीय ने कहा कि गांधी परिवार ने अब ‘अपने गढ़’ छोड़ दिए हैं।
रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं चुनाव
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने से अब रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनावी मैदान में उतरने के संकेत भी नजर आ रहे हैं। प्रियंका पिछले चुनाव में भी सक्रिय होकर सोनिया की अनुपस्थिति में रायबरेली का दौरा करती रही हैं। प्रियंका को कांग्रेस आजमाती है तो बड़ा अचरज नहीं होगा।
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