UP News: हैवानियत की शिकार रेप पीड़िताओं का दर्द बढ़ा रही पुलिस की ‘बेदर्दी’
सीएम योगी की सख्ती के बावजूद कई मामलों में न्याय न मिलते देख आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर
Sandesh Wahak Digital Desk: महिला अपराधों पर मुख्यमंत्री योगी के तेवर सख्त हैं। जल्द न्याय दिलाने से लेकर आरोपियों की सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने से भी योगी सरकार को तनिक भी गुरेज नहीं है। इसके बावजूद महिला अपराधों पर पीड़िताओं संग यूपी पुलिस की बेदर्दी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
हाल ही में बाराबंकी के मसौली क्षेत्र से दलित किशोरी का अपहरण कर रेप को अंजाम दिया गया। वहीं पुलिस ने समझौते का दबाव बनाते हुए उसे घंटों चौकी में परिजनों के साथ बिठाये रखा। ये घटना सिर्फ एक नजीर है कि खाकी को रक्षक की भूमिका छोड़कर संगीन मामलों में भक्षक बनते देर नहीं लग रही है। चंद पुलिसकर्मियों की करतूतों से पूरा महकमा शर्मसार हो रहा है।
अमेठी जिले में दबंगई की घटना आई सामने
हाल ही में आगरा में लखनऊ निवासी इंजीनियरिंग छात्रा से रेप किया गया। 15 दिनों तक कार्रवाई नहीं होने पर पीडि़ता ने जैसे ही सार्वजनिक रूप से सरेबाजार कपड़े उतारे, पुलिस न सिर्फ एक्शन में आई बल्कि आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया। तीन दिन पहले अमेठी जिले में दबंगई की घटना सामने आई। दबंगों ने सालों पहले एक लडक़ी से रेप कर उसे जान से मार दिया था। सुलहनामे से इंकार पर दबंगों ने पीड़ित परिवार पर कोर्ट जाते समय जानलेवा हमला कर दिया।
पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा के बावजूद कोई भी पुलिसकर्मी साथ नहीं था। 19 अगस्त को अंबेडकरनगर में गैंगरेप के बाद 21 वर्षीय पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। आरोपों के मुताबिक पीडि़ता ने खुदकुशी उस वक्त की, जब एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।
बरेली में भी एक नाबालिग किशोरी ने कार्रवाई न होने पर गैंगरेप के बाद आत्महत्या कर ली थी। जुलाई में पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते कन्नौज में नाबालिग दलित गैंगरेप पीड़ित ने फांसी लगाकर जान दे दी। पीड़ित पक्ष की माने तो आरोपी लगातार समझौते का दबाव बना रहे थे। ऐसे मामलों की फेहरिस्त लंबी है।
यूपी में सबसे अधिक मामले हो रहे दर्ज
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में सबसे अधिक 294 बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के साथ हत्या के मामले दर्ज किए गए। साल 2020 में सबसे कम 219 मामले दर्ज किए गए। यह संख्या 2017 में 223 थी। साल 2019 में 283 रेप/गैंगरेप के बाद हत्या के मामले दर्ज किए गए। साल 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 284 रहीं। वहीं, साल 2022 में 248 ऐसे केस दर्ज किए गए। छह वर्षों के राज्यवार आंकड़ों से पता चला कि यूपी ने सबसे अधिक मामले (280) दर्ज किए। इसके बाद मध्य प्रदेश (207), असम (205), महाराष्ट्र (155) और कर्नाटक (79) का स्थान रहा।
थानों के अंदर भी शर्मनाक घटनाएं
पुलिसकर्मियों के ऊपर भी लगातार रेप के मामले दर्ज होने से आम आदमी दहशत में है। ललितपुर में तो सामूहिक गैंगरेप की शिकायत करने पहुंची नाबालिग से थाने में भी रेप किया गय था। थानाध्यक्ष समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई। थानों के अंदर इंस्पेक्टर समेत पुलिसकर्मियों द्वारा रंगरलियां मनाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं।
Also Read: UP Government: राज्य कर्मचारियों को बड़ी राहत, संपत्ति का ब्यौरा देने का समय एक माह बढ़ा