UP: थानों पर सुनवायी नहीं, हाकिम की चौखट पर दम तोड़ने को मजबूर फरियादी
Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastava: एक बार फिर बरेली में कोतवाली गेट पर गैंगरेप पीड़िता के खुदकुशी के प्रयास की घटना से पुलिस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सूबे के पुलिस मुखिया प्रशांत कुमार लगातार पुलिस को फरियादियों की शत प्रतिशत रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देते रहे हैं। इसके बाद भी चौकी और थाना-कोतवाली में एफआईआर दर्ज करना तो दूर फरियादियों की पीड़ा तक सुनी नहीं जा रही है। यही नहीं मदद के बजाए पीडि़त को ही वर्दीधारी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
इंसाफ न मिलने से हताश होकर फरियादी कभी थाना कोतवाली तो कभी डीएम एसपी के दरवाजे पर खुदकुशी का प्रयास करने पर मजबूर हैं। यही नहीं कई बार तो पीड़ितों ने सीएम आवास और विधान भवन के सामने भी आत्मदाह का प्रयास किया है।
डीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास
इससे पहले 18 मार्च को अमेठी में गैंगरेप पीड़िता ने डीएम कार्यालय के सामने तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। आरोप था कि 8 मार्च को शौच के लिए जाते वक्त कुछ लोगों ने अगवा कर जबरन शराब पिलाई और फिर गैंगरेप किया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए पीड़िता को शुक्ल बाजार पुलिस दिन भर थाने पर बैठाए रही। मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो उसने यह कदम उठा लिया था।
वहीं, पांच मार्च को शाहजहांपुर में साझेदार से दो वाहनों पर कब्जे के विवाद में पुलिस के सुनवाई न करने से आहत कांट थाना क्षेत्र के सेहरान गांव निवासी ताहिर अली ने एसपी दफ्तर के गेट पर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। लपटों से घिरने के बाद वह दफ्तर के भीतर तक पहुंच गया था।
पुलिसकर्मियों ने जब तक आग पर काबू पाया, वह करीब फीसदी झुलस गया था। मामले में पुलिस ने ताहिर को खुदकुशी के लिए उकसाने वाले सात अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
वहीं, 22 फरवरी को रायबरेली पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दुष्कर्म पीड़िता ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। आरोप था कि तहरीर देने के बाद भी लालगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
मामला उछला तो पुलिस ने आनन फानन में स्टूडियो संचालक श्यामू सिंह समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और आरोपी श्यामू को जेल भेज दिया था।
इससे पहले भी हुई हैं घटनाएं
- 18 मार्च : अमेठी में डीएम कार्यालय के सामने गैंगरेप पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 5 मार्च : शाहजहांपुर एसपी ऑफिस में ताहिर ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 22 फरवरी : रायबरेली एसपी ऑफिस में रेप पीड़िता ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की।
- 4 नवंबर 2023: मेरठ में तहसील दिवस पर दुष्कर्म पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 9 अगस्त: आगरा में डीसीपी सिटी के ऑफिस के बाहर दुष्कर्म पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 17 अक्टूबर 2022: दुष्कर्म मामले में कारवाई न होने पर पीड़िता ने संतकबीरनगर एसपी कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया।
- 14 जुलाई: गैंगरेप मामले में कारवाई न होने पर एसपी रायबरेली ऑफिस के बाहर पीड़िता ने आत्मदाह का किया प्रयास।
- 2022: बागपत एसपी ऑफिस के बाहर रेप पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 10 मार्च 2021: सुल्तानपुर की गैंगरेप पीड़िता ने विधानभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 3 मार्च 2020: दुष्कर्म पीड़िता ने शाहजहांपुर एसपी कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया।
- 2020: उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता ने डीएम कार्यालय के बाहर खुद को लगाई आग, भर्ती।
- 3 अप्रैल 2018: बाराबंकी निवासी गैंगरेप पीडि़ता ने सीएम आवास के बाहर पेट्रोल डालकर खुद को लगाई आग।
- सीएम ने दी थी डीएम-एसपी को चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के पुलिस आयुक्त, डीएम और एसपी को चेतावनी दी थी कि फरियादियों की सुनवाई करें। अगर फरियादी अपनी शिकायत लेकर विधान भवन, जनता दरबार, मुख्यमंत्री आवास आ रहे हैं तो साफ है कि पुलिस अफसर और प्रशासनिक अफसर पीडि़तों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आने के बाद सीएम को आखिरकार अपने तेवर सख्त कर अल्टीमेटम देना पड़ा था।
कई बार शासन ने भी जारी की है नोटिस
फरियादियों के खुदकुशी और आत्मदाह के प्रयास के मामले सामने आने के बाद शासन ने भी कई बार जिले के डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही ऐसे थाना प्रभारियों पर कारवाई करने की सिफारिश भी की है।
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