UP News: करोड़ों के चारा घोटाले में रायबरेली सीवीओ पर विजिलेंस का शिकंजा
आय से अधिक संपत्ति व अनिमितता के आरोपों पर गोपनीय जांच शुरू
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ. अनिल कुमार के खिलाफ विजिलेंस का शिकंजा कस गया है। सीवीओ के ऊपर लगे आय से अधिक सम्पत्ति समेत गौशालाओं में करोड़ों के घोटालों के आरोपों पर गोपनीय जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी है।
‘संदेश वाहक’ ने पिछले वर्ष नौ अगस्त को ‘यूपी की गौशालाओं से झांक रहा करोड़ों का चारा घोटाला’ शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की थी। जिसके बाद शासन ने विजिलेंस को गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं। गोपनीय जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद नियमों के मुताबिक पशुपालन विभाग के इस रसूखदार अफसर के खिलाफ विजिलेंस खुली जांच की कवायद शुरू करेगी।
पशुपालन विभाग को पत्र भेजकर डॉ. अनिल कुमार से जुड़ी जानकारियां मांगी
विजिलेंस की लखनऊ यूनिट की तरफ से पशुपालन विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर रायबरेली सीवीओ डॉ. अनिल कुमार की जांच के संबंध में जरुरी जानकारियां मांगी गयी हैं। अनिल कुमार के खिलाफ शासन ने करोड़ों की दवाओं और भूसा खरीद में अनियमितताओं, गौ तस्करी के साथ कई गड़बडिय़ों के संगीन आरोपों पर विजिलेंस को गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों की माने तो आय से अधिक संपत्ति मामले में रायबरेली सीवीओ डॉ. अनिल कुमार से जुड़ी कई शहरों में खरीदी गयी सम्पत्तियों की जानकारियां विजिलेंस द्वारा जुटाई गयी हैं। वहीं विजिलेंस की प्रारम्भिक खुली जांच शुरू होने के बावजूद रायबरेली के सीवीओ डॉ अनिल कुमार को अभी तक इतने अहम पद पर बरकरार रखा गया है। जिससे करोड़ों की गड़बडिय़ों के आरोपों की गोपनीय जांच से जुड़े साक्ष्यों संग हेरफेर से इंकार नहीं किया जा सकता है।
विजिलेंस को जल्द जानकारियां भेजेंगे : निदेशक पशुपालन
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जयकेश पांडेय ने संदेश वाहक से कहा कि विजिलेंस ने रायबरेली सीवीओ अनिल कुमार की जांच के संबंध में पत्र भेजा है। मांगी गयी जानकारियां जल्द उपलब्ध करा दी जाएंगी। विजिलेंस जांच के बावजूद पद पर बने रहने के मामले में उन्होंने कहा कि फिलहाल विजिलेंस की गोपनीय जांच शुरू हुई है। अभी खुली जांच नहीं चल रही है।
शासन में मामला दबाने पर एसीएस सख्त, दो कर्मी नपे
शासन के विजिलेंस अनुभाग में भ्रष्टों को संरक्षण देने का खेल जारी है। रायबरेली सीवीओ अनिल कुमार के भ्रष्टाचार की शिकायतों को करीब सात माह तक फाइलों में दबाया गया। तत्कालीन एसीएस विजिलेंस दीपक कुमार ने सख्ती दिखाते हुए समीक्षाधिकारी समेत दो कर्मियों को तत्काल विभाग से कार्यमुक्त कर दिया। दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी संभव है।
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