UP: नर्सिंग शिक्षा माफियाओं को झटका, अटल विवि कराएगा जीएनएम की प्रवेश परीक्षा
रंग लायी ‘संदेश वाहक’ की मुहिम, निजी कॉलेजों का दबाव बेअसर
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर आखिरकार नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा माफियाओं को यूपी शासन से तगड़ा झटका लगा है। डिप्लोमा इन जनरल नर्सिंग एण्ड मिडवाइफरी (जीएनएम) की सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा के फैसले को रुकवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने वाले नर्सिंग शिक्षा माफियाओं का दबाव बेअसर साबित हुआ।
रंग लायी ‘संदेश वाहक’ की मुहिम, निजी कॉलेजों का दबाव बेअसर
चिकित्सा शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों ने न सिर्फ प्रवेश परीक्षा का रास्ता साफ कर दिया बल्कि अटल बिहारी चिकित्सा विवि को नोडल एजेंसी भी बनाया है। ‘संदेश वाहक’ ने 14 जून को ‘नर्सिंग व पैरामेडिकल शिक्षा माफियाओं के दबाव में स्टेट मेडिकल फैकल्टी’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करके खुलासा किया था कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा पर पानी फेरने का प्रयास किया जा रहा है।
शासन ने उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी को भेजा आदेश
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा की तरफ से 15 जून को विशेष सचिव श्री प्रकाश गुप्ता ने सचिव उप्र स्टेट मेडिकल फैकल्टी को इस संबंध में पत्र भेजा है। शासन ने फैकल्टी द्वारा 27 मई को भेजे गए प्रस्ताव को नकार दिया है। शासन का पत्र अवकाश के बाद मंगलवार को फैकल्टी पहुंचा।
चिकित्सा शिक्षा के विशेष सचिव ने कहा है कि 22 मई को जारी पत्र में 2024-25 के सत्र के लिए 386 निजी कॉलेजों में जीएनएम डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 17845 सीटों पर चयन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट के स्थान पर पारदर्शी प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से ऑनलाइन केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के द्वारा कराये जाने के निर्देश जारी किये गए थे। उक्त प्रवेश परीक्षा अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के माध्यम से कराने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है।
अंकों के आधार पर मेरिट के जरिये प्रवेश लेने का प्रस्ताव
दरअसल शासन ने 22 मई को प्रवेश परीक्षा कराने का सैद्धांतिक अनुमोदन मेडिकल फैकल्टी को भेजा था। 25 मई को ‘संदेश वाहक’ ने ‘जीएनएम की 17845 सीटों पर केंद्रीयकृत प्रक्रिया से मिलेगा प्रवेश’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करके सबसे पहले खुलासा किया था कि इस बार प्रवेश प्ररीक्षा आयोजित होगी। योगी सरकार की इस पहल के बाद नर्सिंग शिक्षा माफिया एकजुट हुए और दसवीं और 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट के जरिये प्रवेश लेने का प्रस्ताव शासन भेजा गया था।
प्रवेश परीक्षा के विरोध में महानिदेशक से मिली एसोसिएशन
प्राइवेट नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जीएनएम की सीटों पर प्रवेश परीक्षा के विरोध में बुधवार को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक/अध्यक्ष स्टेट मेडिकल फैकल्टी किंजल सिंह से मिला। एसोसिएशन के मुताबिक जीएनएम प्रशिक्षण के लिए निजी क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षार्थियों के नामांकन पूर्ण कर लिये गये हैं।
महानिदेशक (प्रशिक्षण), चिकित्सा स्वास्थ्य ने भी 453 रिक्त पदों पर 3 वर्षीय प्रशिक्षण राजकीय प्रशिक्षण केंद्रों पर कराये जाने के सम्बन्ध में विज्ञापन प्रकाशित कराया है। जिसमें प्रवेश हाईस्कूल/इंटरमीडिएट की मेरिट पर आधारित है। एक प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग प्रवेश प्रक्रिया प्रशिक्षार्थियों के लिए भ्रामक स्थिति है।
प्रवेश परीक्षा से नर्सेज का स्टैंडर्ड और बेहतर होगा: किंजल सिंह
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक एवं प्रशिक्षण/अध्यक्ष स्टेट मेडिकल फैकल्टी किंजल सिंह ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि जीएनएम की सीटों पर प्रवेश के संबंध में शासन के निर्देशों का अनुपालन किया गया है। इंडियन नर्सिंग काउन्सिल की गाइडलाइन के मुताबिक 30 सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया खत्म कर ली जायेगी। जीएनएम में प्रवेश परीक्षा से नर्सेज का स्टैंडर्ड और बेहतर होगा। ये केंद्रीयकृत प्रक्रिया प्रदेश के सभी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों के लिए है। नए नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन एक्ट को यूपी में इम्प्लीमेंट किया गया है।
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