किरकिरी: अय्याश पुलिसकर्मियों के कंधों पर सज रहे रंगीन मिजाजी के स्टार
Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastava: कभी खम्भे में बांधकर दरोगा पीटे गए तो कभी होटल में रंगरलियां मनाते सीओ पकड़े गए, खाकी को शर्मसार करने वाले किस्से यहीं नहीं खत्म हुए बल्कि रंगीनमिजाज पुलिसकर्मियों ने महिला फरियादियों को भी नहीं बख्शा। हमबिस्तर होने की मांग नहीं मानी तो ताबड़तोड़ फर्जी मुकदमें तक लाद दिए।
हद तो तब हो गए जब अय्याशी के फेर में इंस्पेक्टर रैंक के खाकीधारियों की हत्या तक होने लगी। एक तरफ जहां खाकी का मान बढ़ाने के वास्ते न जाने कितने शहीद हो गए। वहीं ठीक इसके उलट, चंद अपनों की शर्मसार करती करतूतों ने यूपी पुलिस के दामन पर आशिक मिजाज होने का ठप्पा लगाते हुए उसकी छवि बिगाड़ने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। ऐसा लगता है इन पुलिसकर्मियों को कन्धों पर स्टार की जगह अय्याशी का तमगा ज्यादा लुभा रहा है।
महिला संग आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था सिपाही
इसी माह 18 नवंबर को जहां सरोजनीनगर में तैनात सिपाही श्यामवीर सिंह महिला संग कमरे में रंगरंगलियां मनाते पकड़ा गया। वही, इसी दिन सआदतगंज में तैनात सिपाही नकुल भी किशोरी संग राजाजीपुरम स्थित कमरे पर पकड़ा गया। इन दोनों घटनाओं ने लखनऊ कमिश्नरेट की खूब किरकिरी कराई। मामलों में मुकदमा और निलंबन की कार्रवाई हुई।
दिवाली के वक्त लखनऊ कमिश्नरेट कृष्णानगर में रहने वाले पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश सिंह के अवैध संबंधों के कारण गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। वारदात की पटकथा उनकी पत्नी भावना ने अपने भाई देवेंद्र के साथ मिलकर रची थी। आरोपी पत्नी ने कबूला था कि इंस्पेक्टर पति के दूसरी महिलाओं से संबंध थे। डर था कि पति की बुरी हरकतों का असर 12 साल की बच्ची पर पड़ गया तो मासूम की जिंदगी खराब हो जाएगी। इसी वजह से उसने अपना सुहाग को निपटाने की योजना बनाई और फिर वारदात को अंजाम दिया था।
महिला फरियादियों की मजबूरी का फायदा उठाने से भी नहीं चूकते
एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति जैसे अभियान चलाकर पीड़िताओं के साथ होने का मैसेज दे रहे हैं। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश की पुलिसकर्मी शिकायत लेकर आईं पीड़ित महिलाओं की मजबूरियों का फायदा उठाकर उनसे फ्लर्ट करने भी नहीं चूकते हैं। सितंबर माह में कानपुर के थाना साढ़ में तैनात उपनिरीक्षक जयवीर सिंह को निलंबित किया गया था। आरोप था कि फरियाद लेकर पहुंची पीड़िता का दरोगा ने फायदा उठाते हुए फोन पर अश्लील बातें करनी शुरू कर दी थी। उससे कहते थे कि मैं तुम्हारी तन मन धन से मदद करूंगा।
अय्याशी में आईपीएस अफसर भी पीछे नहीं
जनवरी 2020 ने गौतमबुद्धनगर के एसएसपी रहते वक्त आईपीएस वैभव कृष्ण पर सेक्स चैट और अश्लील वीडियो के आरोप लगे थे। निर्देश पर उक्त चैट और वीडियो की जांच गुजरात की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कराई गई थी। रिपोर्ट में सच्चाई सामने आने के बाद गृह विभाग ने आईपीएस वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया था। डेढ़ साल तक वैभव निलंबित रहे। फिर बहाल तो हुए लेकिन आज तक किसी प्राइम पोस्टिंग पर नहीं आ सके।
इन पुलिसवालों ने भी लगाया है खाकी पर दाग
- अक्टूबर – बिजनौर जिले में रेप व तीन तलाक पीड़िता पर दरोगा ने हम बिस्तर होने और सहेली को भी भेजने की मांग पर निलंबित।
- 28 अक्टूबर -आगरा में तैनात सिपाही सलमान खान युवती को भगाने पर निलंबित।
- 17 सितंबर -आगरा में युवती संग आपत्तिजनक हालत में दरोगा संजीव को ग्रामीणों ने पकडक़र खंभे में बांधकर पीटा, निलंबित।
- 21 अगस्त -भदोही में तैनात मुख्य आरक्षी श्याम सुंदर महिला से अश्लील हरकत करते मिला, निलंबित।
- 09 मई -कानपुर में दोस्ती से मना किया तो दरोगा मनोज सिंह ने पति पर ही मुकदमा दर्ज किया। फिर अश्लील मैसेज करने लगे।
- 19 अप्रैल -कानपुर के दिबियापुर में तैनात सिपाही प्रमोद महिला को भेजने लगा अश्लील मैसेज, किया गया निलंबित।
- 18 अगस्त 2021- बस्ती में दरोगा अशोक गौतम को रंगरंगलियां मनाते ग्रामीणों ने पकड़ा, मुकदमा, निलंबित।
- जुलाई 2021- उन्नाव में तैनात सीओ एसपी से छुट्टी लेकर गायब हुए तो पत्नी ने सूचना दी। सर्विलांस की मदद से कानपुर के होटल के महिला सिपाही संग रंगरंगलियां मनाते पकड़े गए, सीओ लाइन हाजिर।
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