UP News: खनन घोटाले में एक भी आईएएस की सम्पत्तियां नहीं खंगाली
मनीलांड्रिंग की जांच का जिम्मा संभाले ईडी आरोपी नौकरशाहों पर लंबे समय से मेहरबान
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी के अहम घोटालों पर एक तरफ जहां सीबीआई को आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने और अभियोजन की मंजूरियां नहीं मिल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ मनीलांड्रिंग की जांच का जिम्मा संभाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी दागी आईएएस अफसरों पर पूरी तरह मेहरबान है।
सीबीआई की कार्रवाई के बाद भले हजारों करोड़ के खनन घोटाले के मामले में ईडी जल्द जांच आगे बढ़ाने के दावे कर रही है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि अभी तक एक भी आईएएस की सम्पत्तियों को ईडी ने जब्त करना तो दूर खंगालना तक मुनासिब नहीं समझा।
ईडी ने नहीं खंगाली आईएएस की सम्पत्तियां
खनन घोटाले की सीबीआई जांच में अभय सिंह, डीएस उपाध्याय, पवन कुमार, विवेक, संतोष कुमार, बी चन्द्रकला, जीवेश नंदन, सत्येंद्र सिंह यादव समेत कई आईएएस फंसे हैं। जिसमें से कुछ अब रिटायर भी हो चुके हैं। इसके बावजूद ईडी ने अभी तक इनमें से एक आईएएस की भी सम्पत्तियों को नहीं खंगाला। बुलंदशहर डीएम रहते छापों के दौरान अभय भी बेनकाब हो चुके हैं। इनके डीएम बंगले से 50 लाख कैश मिला था। ईडी ने आगे जांच ही नहीं की। जबकि कौशाम्बी के डीएम रहे सत्येंद्र सिंह यादव की करोड़ों की कई सम्पत्तियां सिर्फ लखनऊ में ही मौजूद हैं।
हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में सीबीआई की एफआईआर में नामजद आईएएस बी. चंद्रकला के ऊपर पड़े छापों के दौरान करोड़ों की सम्पत्तियों का खुलासा हुआ था। जिसमें से गृह राज्य तेलंगाना में खरीदी आवासीय प्रॉपर्टी छापों से कुछ दिन पहले ही खरीदी गयी थी। करीब पांच वर्षों के बाद भी अभी तक आईएएस चन्द्रकला की एक भी सम्पत्ति की जांच ईडी ने करना मुनासिब नहीं समझा। आईएएस विवेक के खिलाफ सीबीआई ने अभियोजन मंजूरी तक मांगी है। उसके बावजूद ईडी अफसर चुप्पी साधे हैं। वर्षों से सिर्फ ईडी की फाइलों में खनन घोटाले की जांच चल रही है।
जांच से जुड़े ईडी के तत्कालीन अफसरों पर भी संगीन आरोप
खनन घोटाले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से जुड़े मामले में पूर्व डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत सीवीसी से हुई है। इस आईआरएस ने प्रजापति से जुडी कई सम्पत्तियों को लखनऊ में तैनाती के दौरान बख्शा है। शिकायत के मुताबिक ईडी की पूर्व डिप्टी डायरेक्टर के पास करीब दो सौ करोड़ की सम्पत्तियां हैं। ईडी अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप नए नहीं हैं। इससे पहले जून 2017 में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर एनबी सिंह को सीबीआई ने लाखों की घूसखोरी में रिटायरमेंट से एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। इस अफसर के पास एनआरएचएम घोटाले से जुडी अहम जांचें थी। वहीं महाठग संजय शेरपुरिया की जांच के दौरान एसटीएफ को ईडी की लखनऊ यूनिट के दो अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली थी। मामले को दफन करा दिया गया।
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