UP News : कोयला व्यवसायी को धमकाने में मुख्तार अंसारी दोषी, सुनाई गयी साढ़े पांच साल की सजा
Sandesh Wahak Digital Desk : कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने के मुकदमे में शुक्रवार को कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया। वहीं एमपी-एमएलए न्यायालय के पीठासीन अधिकारी उज्जवल उपाध्याय ने मुख्तार अंसारी को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई।
इसके साथ ही पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, उसके खिलाफ वाराणसी और गाजीपुर समेत 40 मुकदमों में सुनवाई चल रही है, अधिकतम केस ट्रायल पर हैं और जजमेंट की ओर बढ़ रहे हैं।
वहीं मुख्तार अंसारी को अब तक 6 केस में सजा सुनाई जा चुकी है, यह मुख्तार के लिए सातवीं सजा है। बता दें भेलूपुर के जवाहर नगर एक्सटेंशन कालोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण कर लिया गया था।
इस वारदात के पीछे उसकी मंशा चुनाव लड़ने के लिए पैसे का इंतजाम करना था। वहीं तीन करोड़ की फिरौती के लिए मुख्तार ने अपने गुर्गे पांच लाख के इनामी अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर को इस किडनैपिंग की जिम्मेदारी सौंपी थी।
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थानांतर्गत महरुपुर गांव निवासी अताउर रहमान हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर रूंगटा के घर गया था। घर में बिजनेस डील को लेकर बातचीत के दौरान इनामी बाबू चाय पीने व दस्तावेज दिखाने के बहाने उन्हें घर से बाहर ले गया।
इस दौरान कार में बैठाकर कुछ देर तक उसने नंद किशोर रूंगटा को घुमाया। कोयला कारोबार से जुड़े फर्जी दस्तावेज भी दिखाए, जिसके बाद चाय पिलाई। चाय में नशीला पदार्थ मिला होने के कारण नंद किशोर सुधबुध खो बैठे। इसके बाद 22 जनवरी 1997 को उनके घर फोन कर परिवारीजन को उनके अपहरण की जानकारी देते हुए तीन करोड़ रुपए मांगे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसमें एक करोड़ की पहली किश्त दे भी दी गई लेकिन रुंगटा का फिर भी कुछ पता नहीं लग सका। पांच नवंबर 1997 की शाम में नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा के लैंडलाइन फोन पर धमकी दी गई कि अपहरण कांड में पुलिस और CBI में पैरवी न करें, नहीं तो बम से उसे उड़ा दिया जाएगा।
इस मामले में एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया था।
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