UP News: अफसरों की फाइलों में दफन हैं अरबों के बिजली घोटाले

पूर्ववर्ती सरकार के दौरान ट्रांसमिशन में प्रतिवर्ष पहुंचाई गयी 450 करोड़ की क्षति

Sandesh Wahak Digital Desk: पावर कार्पोरेशन के अफसरों के कारण बिजलीकर्मियों का पीएफ डीएचएफएल में डूब चुका है। तगड़ी चपत के बावजूद बिजली विभाग के बड़े अफसरों की नींद नहीं खुल रही है।

हाल ही में खुलासा हुआ है कि स्मार्ट मीटर के उपकरण पावर कार्पोरेशन की उच्चस्तरीय जांच में घटिया मिले हैं। यूपी के बिजली विभाग में कई घोटालों की जांचें दफन हैं। इस खेल में पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकार के कई बड़े अफसर शामिल हैं।

29.5.2016 को वकील नंदलाल जायसवाल ने यूपी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड को प्रतिवर्ष 450 करोड़ की क्षति पहुंचाने की सीबीआई जांच के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मुख्य सचिव को पत्र भेजा था। तत्कालीन प्रमुख सचिव ऊर्जा समेत बड़े अफसरों का इंजीनियरों को पूरा समर्थन प्राप्त था।

वर्ष 2009-2011 के बीच ट्रांसमिशन कारपोरेशन द्वारा 220 केवी एवम 132 केवी के क्रमश: 21 नम्बर व 30 नम्बर सब स्टेशनों के निर्माण कराने के लिए भारत सरकार द्वारा करीब 5921.88 करोड़ आरईसी व पीएफसी से कर्ज लिया गया था। जिसकी ब्याज दर 12 फीसदी थी। तत्कालीन निदेशक कार्य एवं योजना समेत बड़े अफसरों के कारण 450 करोड़ की क्षति सालाना हो रही थी। घोटाला अखिलेश सरकार के दौरान दबा दिया गया।

स्मार्ट मीटरों पर पहले भी खड़े हुए गंभीर सवाल

करीब चार वर्ष पहले जन्माष्टमी समारोह के दौरान बिजली गुल हुई और डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के घरेलू स्मार्ट मीटर ने काम करना बंद कर दिया था। मीटरों ने एक कमांड दिखाना शुरू कर दिया था। खुद तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विशेष टास्क फोर्स को नियुक्त करने का आदेश दिया। जो स्मार्ट मीटर के फेल होने की जांच करती। आखिर उत्तरप्रदेश में हुए इस ब्लैकआउट के लिए कौन जिम्मेदार था। इसकी रिपोर्ट भी फाइलों में है।

बिलिंग घोटाला भी दफन, कहां हैं एसटीएफ की रिपोर्ट

एसटीएफ ने यूपी पावर कार्पोरेशन में दस अरब से ऊपर के बिलिंग घोटाले की जांच पिछली सरकार में शुरू की थी। पीएफ घोटाले में आरोपी पूर्व एमडी एपी मिश्रा के कार्यकाल में घोटाले की नींव रखी गयी थी। घोटाला एचसीएल कंपनी के सिस्टम में हेराफेरी करके अंजाम दिया गया था। सैकड़ों करोड़ की तगड़ी चपत लगाई गई थी। अरबों के बिलिंग घोटाले में कई मुक़दमे भी दर्ज हुए थे। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट का आज तक अता पता नहीं है।

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