UP News: पूर्ववर्ती सरकारों के दुलारे आईएएस अफसरों की उल्टी गिनती शुरू

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में दागी आईएएस अफसरों के दिल की धडक़नें बढऩे जा रही हैं। मिशन 2027 से पहले केंद्र और राज्य की एजेंसियां भ्रष्ट आईएएस के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाएंगी।

टारगेट पर खासतौर से बसपा और सपा सरकारों के दौरान बड़े घोटालों में लिप्त रहे आईएएस हैं। इसके लिए एजेंसियों को केंद्र और यूपी सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है। सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग के साथ ही यूपी की विजिलेंस भी जल्द छापेमारी करने का खाका तैयार कर रही है।

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बेनामी संपत्तियों और मनी लॉड्रिंग की पड़ताल तेज, शुरू होगा छापों का सिलसिला

दरअसल आयकर विभाग की बेनामी यूनिट के रडार पर ऐसे अफसर हैं। जिन्होंने घोटालों के सहारे सम्पत्तियां अर्जित की हैं। प्राधिकरणों से अफसरों की सम्पत्तियों का ब्योरा मांगना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। हाल ही में एमआई बिल्डर्स और नोएडा के पूर्व अध्यक्ष राकेश बहादुर पर आयकर ने शिकंजा कसा है। राकेश के पास तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ की सम्पत्तियां मिली हैं। एमआई के साथ आधा दर्जन आईएएस के रिश्ते पकड़ में आये हैं। जिनकी काली कमाई का निवेश लखनऊ-एनसीआर में हुआ है। नोएडा में तैनात रहने वाले दो वरिष्ठ आईएएस भी जांच के दायरे में हैं।

रमारमण और मोहिंदर सिंह

ईडी भी मनीलांड्रिंग के बड़े मामलों की जांचों में यूपी के नौकरशाहों की भूमिका की पड़ताल में जुटा है। खासतौर पर पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह और रमारमण पर ईडी का शिकंजा गहराता जा रहा है। रमारमण बसपा और सपा दोनों सरकारों के दौरान नोएडा के सर्वेसर्वा थे। इनको गिरफ्तारी का डर सता रहा है। ईडी खनन घोटाले में भी सीबीआई की तेजी के बाद मनीलांड्रिंग की जांच की रफ्तार बढ़ाने जा रही है।

ईडी, सीबीआई व विजिलेंस कसेंगी शिकंजा

सीबीआई भी बसपा और सपा सरकार के दौरान किये गए भ्रष्टाचार के उन मामलों की जांच तेज करेगी। जिससे सियासी माहौल गर्म होना तय है। माना जा रहा है कि जल्द ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से खनन घोटाले में सीबीआई पूछताछ हो सकती है। विजिलेंस भी स्मारक घोटाले की जांच में लगातार आगे बढ़ रही है। मकसद कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और जौनपुर से सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा हैं। निर्माण निगम के इंजीनियरों से विजिलेंस को कई भ्रष्टों की सम्पत्तियों का पता लगा है।

सबसे ज्यादा रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश

एजेंसियों से जुड़े एक आईआरएस के मुताबिक नौकरशाहों ने सबसे ज्यादा रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश किया है। पिछले तीन वर्षों के दौरान जितनी भी सर्च हुई हैं। उनमें प्रमाण भी मिले हैं। सभी एजेंसियां जानकारियां सांझा कर रही हैं। बेनामी सम्पत्तियों को सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि विदेशों तक में खरीदा गया है। वहीं ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर मनी लॉड्रिंग के कुछ और मामले जल्द दर्ज हो सकते हैं।

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