UP News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की परेशानी बढ़ा सकती है कंसल्टेंट की वापसी

अपनी वापसी का इंतजार कर रहे लोग मामले को नजीर बनाकर बोले, मंत्री से मिलेंगे या जाएंगे कोर्ट

Sandesh Wahak Digital Desk/Vinay Singh: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक फैसले से विभाग की परेशानी बढ़ना तय मानी जा रही है। एनएचएम में बतौर कंसल्टेंट कार्यरत एक महिला ने पहले इस्तीफा देकर दूसरे विभाग में ज्वाइनिंग ली। फिर वहां से पुन: इस्तीफा देकर एनएचएम में लौट आई। वह भी बिना किसी अड़चन के। ऐसे में उन सैकड़ों कर्मचारियों में आक्रोश है, जो विभिन्न कारणोंवश एनएचएम से बाहर है और वापसी का लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल प्रबंधन स्तर के अधिकारियों पर आरोप भी लगने शुरू हो गए हैं।

एनएचएम की एचआर कंसल्टेंट दीपिका पाठक से जुड़ा हुआ है मामला

मामला एनएचएम की एचआर कंसल्टेंट दीपिका पाठक से जुड़ा हुआ है। दीपिका का इन्वेस्ट यूपी में मुख्यमंत्री निवेश मित्र के पद पर 26 मई 2023 को चयन हुआ था। इन्होंने 13 जून तक ट्रेनिंग भी की। 16 जून को दीपिका को देवरिया में रिपोर्ट करना था, लेकिन उन्होंने देवरिया में रिपोर्ट न करके पुन: एनएचएम में वापसी कर ली। वापसी का आवेदन उन्होंने तत्कालीन एमडी अपर्णा यू को दिया था।

जहां से पत्रावली प्रमुख सचिव को अग्रसारित हुई। संस्तुति मिलने के बाद 25 जून को जीएम एचआर सुधा यादव ने दीपिका को ज्वाइनिंग करा दी। सामान्य अड़चन के बाद सैलरी भी शुरू कर दी गई। सामान्य प्रयासों में दीपिका की वापसी अब विभाग में चर्चा का विषय है।

इन कर्मचारियों की संख्या सैकड़ों में है जो विभाग में पुन: ज्वाइनिंग चाहते

वह सभी कर्मचारी हाथ-पैर मारने लगे जो पुन: एनएचएम में ज्वाइनिंग के लिए लंबे समय से लगे हुए हैं। बताया गया कि इन कर्मचारियों की संख्या सैकड़ों में है जो विभाग में पुन: ज्वाइनिंग चाहते हैं। कई कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से ज्वाइनिंग का निर्देश प्राप्त कर लिया है, फिर भी ज्वाइनिंग नहीं हो रही है। दीपिका की ज्वानिंग होते ही कई हाईकोर्ट जाने की फिराक में हैं तो कई विभागीय मंत्री से संपर्क कर रहे हैं।

नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि प्रश्न यह है कि जिस समय दीपिका की ट्रेनिंग वाले समय काल को एनएचएम किस नियमावली के तहत समाहित करेगा। दूसरा इस्तीफे की औपचारिकता पूर्ण होने के बाद दोबारा ज्वाइनिंग लेटर देने का नियम कैसे बन गया।  तीसरा यह है कि इस्तीफा देने के बाद उसे मान्य कराने की जिम्मेदारी जीएम एचआर की थी। जीएम एचआर ने पत्रावली एमडी के सम्मुख रखने में विलंब क्यों किया।

ज्वाइनिंग के लिए लगी है लंबी लाइन

बुलंदशहर में ब्लाक एकाउंट मैनेजर पद पर तैनात विक्रम सिंह ने अपनी ज्वानिंग के लिए अप्लिकेशन जिला स्वास्थ्य समिति और एनएचएम यूपी को दिया था। ज्वाइनिंग न होने की स्थिति में वह हाईकोर्ट गए और वहां से ज्वानिंग का निर्देश प्राप्त किया। बावजूद इसके उनकी ज्वानिंग अभी तक नहीं की गई है।

एनएचएम एचआर में डीजीएम रहे अमित श्रीवास्तव एक पखवारे तक बीमार थे। ठीक होने के बाद जब वह ज्वाइन करने पहुंचे तो उन्हें ज्वाइन नहीं करने दिया गया। इसी तरह डॉ मीनाक्षी सिंह सूचना शिक्षा संचार में जीएम थी। उनका भी प्रकरण अभी तक लंबित है। इस तरह के सैकड़ों कर्मचारी हैं, जो ज्वानिंग की लाइन में लगे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

मुझे इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। कार्यालय खुलने पर प्रकरण को पता करेंगे फिर बता सकते हैं।     

हीरालाल, अपर मिशन निदेशक, एनएचएम

Also Read : Corruption News: प्राधिकरणों से लेकर राजस्व से जुड़े विभागों को अरबों की चपत

Get real time updates directly on you device, subscribe now.