UP News: पहली अभियोजन को मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई की सुस्त चाल
दो दशक पुराने ताज कॉरिडोर घोटाले में मायावती, नसीमुद्दीन समेत रसूखदार आरोपियों पर नहीं कसा शिकंजा
Sandesh Wahak Digital Desk: सीबीआई देश की शीर्ष एजेंसी है। लेकिन बड़े घोटालों में फंसी यूपी की सियासी शख्सियतों के मामले में सीबीआई की हालत जिला पुलिस से भी बदतर होते देर नहीं लगती। सटीक उदाहरण दो दशक से भी ज्यादा पुराने करोड़ों के ताज कारिडोर घोटाले का है।
डेढ़ वर्ष पहले सीबीआई को इस घोटाले में पहली अभियोजन मंजूरी मिलने से आस जगी थी कि पूर्व सीएम व बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत हाईप्रोफाइल आरोपियों पर अब सीबीआई का शिकंजा कसेगा। इस बार भी उम्मीदों पर सीबीआई खरी नहीं उतर पाई।
महेन्द्र शर्मा के खिलाफ बीस साल बाद अभियोजन की मिली थी मंजूरी
डेढ़ वर्ष पहले सीबीआई को ताज कारिडोर घोटाले में एनपीसीसी के पूर्व एजीएम महेन्द्र शर्मा के खिलाफ बीस साल बाद अभियोजन की मंजूरी मिली थी। घोटाले में मायावती, नसीमुद्दीन समेत 11 बड़े नाम आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल थे। 2002 में बसपा सरकार के दौरान नियमों को ताख पर रखकर एनपीसीसी को करोड़ों का ठेका सौंपा गया था। सीबीआई की चार्जशीट में साफ तौर पर दिया था कि कॉरिडोर को बनाने के लिए एनपीसीसी को ठेके का आवंटन किए बिना ही 17 करोड़ और उसके बाद 20 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई थी।
कैग ने 2003 में पाया कि एनपीसीसी ने इक्ष्वाकु प्राइवेट लिमिटेड को बिना टेंडर काम सौंप दिया था। रिपोर्ट में मायावती सरकार पर भी सवाल खड़े किए थे। सीबीआई को तत्कालीन गवर्नर टीवी राजेश्वर ने अभियोजन मंजूरी नहीं दी थी। बाद में फिर सीबीआई ने अभियोजन मंजूरी मांगी थी। मामला आगे ही नहीं बढ़ा। ऐसा लगता है कि भाजपा की बी टीम होने का सियासी लाभ बसपा प्रमुख को सीबीआई जांच ठप होने से मिल रहा है।
आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल हैं यह 11 प्रभावशाली लोग
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व मुख्य सचिव डीएस बग्गा, मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रमुख सचिव पीएल पुनिया, पर्यावरण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव आरके शर्मा, पर्यावरण विभाग के तत्कालीन सचिव वीके गुप्ता, पर्यावरण विभाग के तत्कालीन अनु सचिव राजेन्द्र प्रसाद, केन्द्रीय पर्यावरण व वन विभाग के तत्कालीन सचिव केसी मिश्रा, एनपीसीसीएल के तत्कालीन चेयरमैन व एमडी एससी बाली, इश्वाकु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, कंसलटेंट्स आर्कीटेक्टस एंड प्लानर्स लिमिटेड (कैप्स) नई दिल्ली।
चार्जशीट से खुलासा, प्रोजेक्ट में थी मायावती की ख़ास रूचि
ताज कॉरिडोर को लेकर मिशन मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक के अगले दिन ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पर्यावरण मंत्रालय लेकर खुद के पोर्टफोलियो में जोड़ लिया था। ताज कॉरिडोर घोटाले को लेकर सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में इसका जिक्र है। चार्जशीट में सीबीआई ने लिखा है कि इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की परियोजना में विशेष रुचि थी।
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