मनी लॉन्ड्रिंग : ईडी मेहरबान, मीट कारोबारियों पर कब दर्ज होगी ECIR
सपा नेताओं से जुड़े हैं सैकड़ों करोड़ के फर्जीवाड़े के तार, करीबी अफसरों की लंबी फेहरिस्त, वाणिज्य कर भी सक्रिय नहीं
Sandesh Wahak Digital Desk : जिन मीट कारोबारियों ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को खरीद रखा है। उन्ही के हाथों में अब प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के अफसर भी खेल रहे हैं। आयकर विभाग की बेनामी यूनिट ने पश्चिमी यूपी से लेकर लखनऊ तक फैले इस सिंडिकेट की अरबों की मनी लॉन्ड्रिंग का पर्दाफाश किया था। आयकर की रिपोर्ट पर पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी को कार्रवाई करनी थी। जिसके तहत अभी तक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज हो जानी चाहिए।
एजेंसी के अफसर इस पर कुंडली मारकर बैठ गए। इन कारोबारियों के करीबी न सिर्फ यूपी के कई नौकरशाह हैं बल्कि फर्जीवाड़े के तार सपा नेताओं से भी जुड़े हैं। आयकर विभाग के खुलासे के बावजूद यूपी के वाणिज्य कर महकमें के अफसरों ने भी आगे कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा।
विभाग ने मीट कारोबारियों की कई सौ करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग पकड़ी
तकरीबन एक वर्ष पहले आयकर विभाग ने मीट कारोबारियों की कई सौ करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग पकड़ी थी। सिर्फ सम्भल के एक आपरेटर की फर्म से ही पांच सौ करोड़ से ज्यादा की रकम सफेद कराई गयी थी। बाकायदा बैंक अफसरों की मदद से व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर काली कमाई को सफ़ेद करने का खेल जारी था। इस खेल के बड़े खिलाड़ी बसपा से दो बार विधायक रहे एक नेता भी हैं।
जिनकी कम्पनी ने भी अरबों की मनी लॉन्ड्रिंग की है। ये नेता अब बसपा छोडक़र सपा के साथ आ गया है। मीट कारोबारियों के सबसे खास आपरेटर प्रवीन की कम्पनी एशियन एग्रो के खातों से सम्भल में अरबों की नकदी निकाली गयी। अपनी कम्पनी के सहारे सपा नेता ने भी काली कमाई खपाई।
एशियन एग्रो से 50 से ज्यादा मीट कारोबारी जुड़कर मनी लॉन्ड्रिंग के खेल को आगे बढ़ा रहे थे। 2019 से प्रवीण ने 500 करोड़ कैश एशियन एग्रो के खातों से निकलवा डाले। ये आंकड़ा दो हजार करोड़ तक जाने की आशंका है। लखनऊ में भी कई मीट कारोबारी इस सिंडिकेट का हिस्सा थे। कई ऐसे लोगों और फर्मों के नाम भी सामने आये, जिनके नामों का सहारा लेकर भारी मात्रा में खातों से कैश निकाला गया। मीट कारोबारियों ने फर्मों के कई दर्जन खाते खोलकर खेल किया है।
काम कर रहा रोहित सहाय के खास अफसरों का दबाव
सिर्फ यही नहीं पिनटेल ग्रुप के मालिक रोहित सहाय से जुड़े बिल्डरों और अमरावती, एक्सेला समेत कई ग्रुपों द्वारा की गयी मनीलांड्रिंग पर भी ईडी अफसर मेहरबान हैं। इसका खुलासा भी आयकर ने किया था। सहाय ने नौकरशाहों की काली कमाई को भी सफ़ेद कराया है। महाराष्ट्र का ठाकरे परिवार भी इस खेल में शामिल था। सहाय के नजदीकी नन्द किशोर चतुर्वेदी और सपा नेताओं के बीच भी लिंक बताया जा रहा है। चतुर्वेदी उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से जुड़ी तीन कंपनियों में पार्टनर था।
सहाय और अमरावती के रवि प्रकाश पांडेय संग फर्जी कंपनियां कोलकाता में रजिस्टर हुई। जिनके जरिए लखनऊ समेत कई शहरों में बेशकीमती संपत्तियों को खरीदा गया। चंद वर्षों में रोहित सहाय ने 37 जबकि रवि प्रकाश पांडेय ने 32 कंपनियां खोली। इसके बावजूद ईडी ने पीएमएलए एक्ट में कोई कार्रवाई नहीं की।