UP Lok Sabha Election: चुनाव से ठीक पहले अपने ही फैसलों में उलझे अखिलेश यादव और मायावती, बढ़ी मुसीबत!
UP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान में कूद गई हैं, तो वहीं विपक्षी दलों की हालत बेहद खराब दिख रही है. चाहे समाजवादी पार्टी हो. या बहुजन समाज पार्टी दोनों ही दल अपने-अपने फैसलों मे उलझे दिखाई दे रहे हैं.
बता दें कि पहले चरण की वोटिंग के लिए दो हफ्ते से भी कम समय बचा है. और सपा-बसपा की ओर से पश्चिमी यूपी में अब तक कोई रैली या जनसभा तक नहीं हुई है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हों या बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती दोनों ही दल अब तक अपने प्रत्याशियों तक का चयन नहीं कर पाए हैं. चुनाव सर पर आ गए हैं. लेकिन पश्चिमी यूपी में सपा हो या बसपा किसी ने चुनाव प्रचार करना भी शुरू नहीं किया है.
अपने फैसलों पर फंसे मायावती-अखिलेश
बसपा अभी तक कई सीटों पर उम्मीदवारों का चयन तक नहीं कर पाई है, तो वहीं अखिलेश यादव को भी पार्टी में गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है. पीडीए का दम भरने वाली सपा का गुटबाजी के आगे दम निकल रहे हैं. अखिलेश उम्मीदवार के नाम का एलान करते हैं. लेकिन स्थानीय नेताओं के दबाव में आकर वो बार-बार फैसले बदल रहे हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब तक मुरादाबाद, रामपुर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, गौतम बुद्ध नगर, बदायूं और मिश्रिख सीट से उम्मीदवार बदल चुके हैं. इनमें से कुछ सीटें तो ऐसी हैं. जहां से दो-दो बार तक उम्मीदवारों को बदलना पड़ा है. जैसे मिश्रिख, गौतम बुद्ध नगर और अब मेरठ से दो बार प्रत्याशी बदले गए हैं. वहीं, बदायूं को लेकर भी संशय बना हुआ है.
ऐसा ही हाल बहुजन समाज पार्टी का भी है. मायावती ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन अब पार्टी को उम्मीदवार तक नहीं मिल पा रहे हैं. बीएसपी को उम्मीदवारों के चयन में मंथन करने में मुश्किल हो रही है. बसपा को ढूंढने से भी उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे हैं.