सरकार का खौफ: माफिया की मौत के बाद नजर नहीं आ रहे नए दावेदार
उत्तर प्रदेश में पहली बार जरायम की दुनिया से समाप्त हुई उत्ताधिकारी की परंपरा
Sandesh Wahak Digital Desk/Sunil Kumar Mishra: यूपी में जरायम की दुनिया में दशकों से चली आ रही उत्तराधिकार की परम्परा खत्म हो चली है। पुलिस कार्रवाईयों और आपसी गैंगवार में मारे गए बड़े माफियाओं की जगह कोई दूसरा लेने को तैयार नहीं है। एक वक्त था जब किसी माफिया की मौत के बाद उसके साम्राज्य पर दावेदारों की लाइन लग जाती थी। जिसका जितना खौफ होता था उसकी दावेदारी उतनी मजबूत मानी जाती थी। लेकिन इस वक्त कानून का खौफ अपराधियों पर इतना भारी पड़ रहा कि मारे गए माफियाओं के अपने या दुश्मनों में से कोई उनके साथ अपना नाम भी नहीं जोड़ना चाहता है।
मुख्तार और अतीक के अंत के साथ ही समाप्त होता दिख रहा उनका साम्राज्य
यूपी में अपराध का नेटवर्क उत्तराधिकार के फार्मूले पर आगे बढ़ता रहा। पहली बार है जब मुख्तार अंसारी जैसे माफिया की मौत के बाद उसकी आपराधिक विरासत पर कोई दावेदार खड़ा नहीं हुआ है। मुख्तार अंसारी ने खुद पूर्वांचल के एक बाहुबली की सरपरस्ती में पनपे कुख्यात भाइयों मकनू और साधू सिंह की आपराधिक विरासत को संभालते हुए जरायम की दुनिया में दबदबा बनाया था।
80 के दशक में दोनों भाईयों के नाम का खौफ बनारस, गाजीपुर, मऊ और गोरखपुर सहित पूर्वांचल के बाकी जिलों में ऐसा था कि बिना मांगे रंगदारी उनतक पहुंच जाती थी। उनकी मौत के बाद बाहुबली का हाथ सीधे मुख्तार के सिर पर आ गया और रेलवे के ठेकों को हथियाते हुए उसने दोनों भाइयों के पूरे गिरोह पर कब्जा जमा लिया।लेकिन बांदा जेल में मुख्तार की मौत के बाद उसके गैंग का कोई सदस्य उसका साम्राज्य संभालने के लिए आगे नहीं आया।
गुरु को निपटाकर खौफ का पर्याय बन गया था अतीक
इलाहाबाद (अब प्रयागराज) 90 के दशक में अपराध की धुरी बन गया था। यहां दो चेहरे आतंक का पर्याय थे। पहला शौक इलाहाबादी उर्फ चांद बाबा और दूसरा जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित। इन्हें हिस्सा दिए बिना कारोबार करना संभव नहीं था। इन्हें सपा का संरक्षण था। राजनीतिक महत्वाकांक्षा में करवरिया बंधुओं ने जवाहर पंडित की हत्या कर के उसका साम्राज्य हथिया लिया। वहीं चांद बाबा की सरपस्ती में जरायम की दुनिया में पहुंचे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने चांद बाबा की हत्या कर गद्दी हथिया ली। अतीक खौफ का पर्याय बन गया था।
पूर्वांचल में मुन्ना बजरंगी ने पैदा की थी शूटरों की खेप
प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी जरायम की दुनिया का वो नाम है जो लंबे समय तक आपराधिक सोच रखने वाले युवाओं का आदर्श बना रहा। मुन्ना के नक्शे कदम पर चलकर जाने कितने युवाओं ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। संजीव जीवा माहेश्वरी हो या सुधाकर पाण्डेय, सबने मुन्ना के अंदाज को अपनाने का प्रयास किया।
पूर्वांचल में मुन्ना बजरंगी ने पैदा की शूटरों की खेप
90 के दशक में जौनपुर और आसपास के जिलों में वर्चस्व कायम करने वाले माफिया गजराज सिंह का दामन थामकर मुन्ना अपराध की दुनिया में इतना आगे आया था। गजराज के इशारे पर उसने विधायक रामचंद्र सिंह की हत्या कर दी। गजराज की मौत के बाद मुन्ना ने कुछ समय तक डिप्टी मेयर अनिल सिंह का सहारा लिया। इसके बाद मुख्तार अंसारी ने उसे अपनी गैंग में शामिल कर लिया। यूपी में मुन्ना ही वो अपराधी है जिसके गिरोह की हलचलें योगी सरकार के शुरूआती दौर में बनी रही।
मुन्ना के साले पुष्पजीत की हत्या के बाद उसके राइट हैंडर तारिक को सरेराह गोलियों से छलनी किया गया। इस दौरान मुन्ना जेल में था और उसके साम्राज्य को हथियाने के लिए कुछ माफियाओं ने दबी जुबान में दावेदारी भी की लेकिन योगी सरकार की अपराधियों के खात्में के लिए बन रही रणनीति की वजह से किसी को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिल सका। जुलाई 2018 में मुन्ना की बागपत जेल में हत्या कर दी गई। उसकी मौत के बाद भी गैंग का कोई वारिसदार सामने नहीं आया।
सरकार या पुलिस जब भी सख्त होती है अपराधी या तो प्रदेश छोड़ देते हैं या अंडरग्राउंड हो जाते हैं। मुख्तार, अतीक जैसे माफियाओं की जड़ें बहुत गहरी थी। इनके गिरोह के सदस्य मौजूदा सरकार के भय से छिपे हुए हैं। वे किसी और सरकार के आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन हर सरकार को अपराध को इसी नजर से देखते हुए ऐसी ही कार्रवाई करनी चाहिए जिससे समाज भयमुक्त रहे।
-अरविंद कुमार जैन, पूर्व डीजीपी यूपी
योगी सरकार में 49 अपराधी मारे गए : अमिताभ यश
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि साढ़े सात साल में यूपी एसटीएफ ने 49 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया लेकिन इनकी जगह किसी दूसरे चेहरे ने नहीं ली। इस दौरान एसटीफ ने सात हजार से ज्यादा अपराधियों और मारे गए बदमाशों के गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार भी किया। यूपी में संगठित अपराध पुलिस के लिए हमेशा चुनौती रहा। अभियान चलाकर 7,015 कुख्यात और इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
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