यूपी सरकार ने किया फैसला, किसानों से पूरे दाम पर खरीदा जाएगा खराब गुणवत्ता वाला गेहूं

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में मार्च महीने में हुई बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और आंधी-तूफान से किसानों की फसलें खराब हो गई। जिस वजह से सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की फसल बिक नहीं रही और जो बिक रही है वो बहुत कम कीमत पर बिक रही है। इसलिए अब यूपी सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, अब गेहूं को सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।

बिना किसी कटौती के एमएसपी पर खरीदने का अनुरोध

बता दें कि, राज्य में विभिन्न खरीद एजेंसियों के 5674 क्रय केंद्रों पर 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है। मार्च में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई थी। इसलिए यूपी सरकार ने केंद्र से खराब गुणवत्ता के गेहूं को बिना किसी कटौती के एमएसपी पर खरीदने का अनुरोध किया था।

केंद्र के मानक के अनुसार अधिकतम 6 फीसदी सिकुड़े-टूटे दाने वाला गेहूं की एमएसपी पर खरीदा जा सकता है। केंद्र ने हाल ही में गेहूं को सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदने की सहमति तो दे दी थी, पर समर्थन मूल्य में कटौती की शर्त के साथ। दाम में इस अंतर की भरपाई राज्य सरकार करेगी।

मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यूपी के अनुरोध पर 13 अप्रैल को कमतर क्वालिटी का गेहूं भी खरीदने की सहमति दे दी थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि, सिकुड़न व टूटन अधिकतम 18 प्रतिशत ही स्वीकार की जाएगी।

6 फीसदी की सीमा से ज्यादा सिकुड़न व टूटन होने पर हर दो फीसदी पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कटौती होगी। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि, गेहूं के दानों की चमक 10 प्रतिशत तक कम होने पर कोई कटौती नहीं होगी।

 

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