UP Board Result : यूपी के इन दो राजनेताओं ने पेश की मिशाल, 59 साल की उम्र में पास की परीक्षा
Sandesh Wahak Digital Desk: कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। इसी को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री प्रभुदयाल वाल्मीकि और पूर्व विधायक राजेश मिश्रा ने उत्तर प्रदेश बोर्ड (UP Board) की 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। दोनों ने ही अपनी पढ़ाई को आगे भी जारी रखने का इरादा जताया है।
मेरठ की हस्तिनापुर सीट से दो बार समाजवादी पार्टी के विधायक रह रह चुके प्रभुदयाल वाल्मीकि ने 59 साल की उम्र में उप्र बोर्ड की 12वीं की परीक्षा पास कर ली। मंगलवार को घोषित परिणाम में उन्होंने यह परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
प्रदेश के रेशम उद्योग राज्यमंत्री रह चुके वाल्मीकि का कहना है कि वह 10वीं पास थे। इस वर्ष उन्होंने बागपत के आदर्श इंटर कॉलेज जोहड़ी से इंटर की परीक्षा दी। मंगलवार को आये नतीजे में वह द्वितीय श्रेणी से पास हो गए। वाल्मीकि ने कहा कि उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रेरणा से पढ़ाई दोबारा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है।
वकील बनेंगे पप्पू भरतौल
उधर, बरेली की बिथरी-चैनपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने 55 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश बोर्ड (UP Board ) की 12वीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली। मिश्रा अब कानून में स्नातक (एलएलबी) की शिक्षा लेने की योजना बना रहे हैं।
वर्ष 2017 से 2022 तक बिथरी चैनपुर से भाजपा विधायक रहे मिश्रा ने बुधवार को बातचीत में कहा, दो साल पहले मैंने कक्षा 10 की परीक्षा पास की थी। अब मैंने 12वीं (UP Board) की परीक्षा भी पास कर ली है। अब, मैं एलएलबी करना चाहता हूं, ताकि मैं गरीब लोगों को न्याय दिलाने में मदद कर सकूं। हालांकि कुल 500 में से 263 अंक हासिल करने वाले मिश्रा तीन विषयों में खुद को मिले अंकों से संतुष्ट नहीं थे।
अंकों से संतुष्ट नहीं हैं पप्पू भरतौल
उन्होंने कहा, “मैं ड्राइंग डिजाइन, नागरिक शास्त्र और शिक्षा शास्त्र विषयों में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं हूं और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाऊंगा, ताकि अंकों को जोड़ने में कोई गलती हो तो उसे सुधारा जा सके।” मिश्रा ने हिंदी में 57, नागरिक शास्त्र में 47, शिक्षा शास्त्र में 42, ड्राइंग डिजाइन में 36 और समाजशास्त्र में 81 अंक हासिल किए।
एलएलबी की तैयारी की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, “जब मैं विधायक था, तब मैंने महसूस किया था कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय नहीं मिलता है, क्योंकि गरीब लोग एक अच्छे वकील की सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं। मैं ऐसे लोगों का वकील बनूंगा।”
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