UP: विधानसभा सत्र के दौरान लैंडलाइन नंबर भी एक्टिव नहीं

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा से जुड़े प्रदेश भर के जिम्मेदार अफसरों को प्रमुख सचिव की सख्त चेतावनी

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: एक तरफ जहां सीएम योगी प्रदेश भर के अफसरों को खुद सीयूजी कॉल उठाने की नसीहत देते नहीं थक रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकारी दफ्तरों में लैंडलाइन नंबर तक बेहाल हैं।

विधानसभा सत्र जैसे सबसे अहम मौकों के दौरान भी अफसरों को इन्हें दुरुस्त रखना गंवारा नहीं है। ये खुलासा उस स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुआ है। जहां के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और दफ्तरों में रोजाना प्रदेश भर से जरूरतमंदों के फोन लगातार घनघनाते रहते हैं।

 

इस बार विधानसभा सत्र के दौरान जब शासन को तकलीफ हुई, तब खुद प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र पत्र के जरिये प्रदेश भर के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े संस्थानों के प्रमुखों को सख्त चेतावनी जारी की। इस फेहरिस्त में स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक भी शामिल हैं।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय से एक पत्र हुआ जारी

शुक्रवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ है। जिसका मजमून कुछ यूं है कि विगत दिनों विधानसभा सत्र के दौरान अक्सर देखने में आया है कि शासन द्वारा अतिमहत्वपूर्ण कार्यों के निष्पादन के लिए मुख्यालय/विभागाध्यक्ष/जनपद स्तरीय अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित करने पर उनके दफ्तर के लैण्डलाइन दूरभाष नम्बर चालू नहीं थे या स्थापित नहीं थे।

पार्थ सारथी सेन शर्मा

जिससे शासकीय कार्यों के समयबद्ध निष्पादन में बाधा उत्पन्न हुयी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने साफतौर पर कहा कि शासन द्वारा पुन: निर्देशित किया जाता है कि अपने कार्यालय के लैण्डलाईन दूरभाष नम्बर को तीन दिन के अन्दर पूर्ण रूप से क्रियाशील कराएं।

साथ ही अपडेट नंबर की जानकारी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की ई-मेल आईडी पर भेजें। जिससे आवश्यकतानुसार सम्पर्क स्थापित करने में उच्चाधिकारियों को असुविधा न हो। प्रमुख सचिव ने सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में लैण्डलाईन दूरभाष नम्बर की अक्रियाशीलता को गंभीरता से लिया जायेगा।

इन संस्थानों/दफ्तरों के प्रमुखों को भेजा पत्र

मिशन निदेशक, एनएचएम, सी0ई0ओ0, सांचीज, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा, प्रबंध निदेशक, यूपीएमएससीएल, वीसी, केजीएमयू/ सैफई आर्युविज्ञान वि0वि0 / अटल बिहारी बाजपेई चिकि0 वि0 वि0, निदेशक, एसजीपीजीआई / आरएमएल पीजीआईसीएच, नोएडा / जिम्स, नोएडा, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान, पीजीआई, ग्रेटर नोएडा /निदेशक, जे0के0 कैंसर संस्थान/हृदय रोग संस्थान, कानपुर, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य/परिवार कल्याण/प्रशिक्षण, निदेशक, प्रशासन एसआईएचएफडब्लू, सचिव, स्टेट मेडिकल फैकल्टी/फार्मेसी काउंसिल, समस्त प्रधानाचार्य, राजकीय स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय।

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