NRHM Scam: ईडी ने अफसरों-नेताओं की संपत्तियों को बख्शा

कुशवाहा, अनंत से लेकर प्रदीप व डीके सिंह का आर्थिक तंत्र पूरी तरह खंगालने में नाकाम

Sandesh Wahak Digital Desk: मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत एनआरएचएम घोटाले में फंसे कई भ्रष्ट अफसरों और नेताओं की सम्पत्तियां अभी पूरी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नहीं खंगाली हैं। पूर्व में कुशवाहा से जुड़ी जो सम्पत्तियां ईडी के राडार पर आयीं थीं, उन्हें भी मानो बख्श दिया गया। लैकफेड घोटाले के दौरान एसआईबी को जिन सम्पत्तियों की जानकारी हुई, ईडी ने उन्हें भी जांच में शामिल नहीं किया।

प्रदीप शुक्ला (लाल घेरे में)

घोटाले में आरोपी पूर्व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रदीप शुक्ला की सम्पत्तियों की पड़ताल करना ईडी अफसरों ने जरुरी नहीं समझा। इसी तरह नेहरू युवा केंद्र के सह समन्वयक डीके सिंह की सम्पत्तियों को भी ईडी ने बख्श दिया। सिंह के पास मिले पांच करोड़ रुपए किसके थे। इसकी भी पड़ताल नहीं हुई। एक पूर्व आईएएस का बेहद करीबी सिंह बेनामी सम्पत्तियों का बड़ा राजदार था।

पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा

घोटाले की रकम के निवेश की जानकारी पर कार्रवाई

पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा को भी बख्शा गया। लैकफेड घोटाले की जांच के दौरान एसआईबी ने कानपुर देहात की एक्सिस यूनिवर्सिटी, पाई इंस्टीट्यूट, काकादेव में कुशवाहा इंस्टीट्यूट और आठ मंजिला अपार्टमेंट एक्सेस अपार्टमेंट समेत 11 स्थानों पर छापे मारे थे। यहां पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा द्वारा लैकफेड घोटाले की रकम के निवेश की जानकारी पर कार्रवाई हुई थी। जिसकी जांच ईडी ने नहीं की।

लखनऊ में गोमतीनगर स्थित पत्रकार पुरम के नामी अस्पताल का संचालक कुशवाहा का करीबी अजीत मौर्या था। ईडी के डर से अस्पताल का नाम बदला गया। गोमतीनगर में नामी होटल में पैसा लगे होने की बात सामने आयी थी। बिल्डरों ने भी इसी तरह काली कमाई खपाई है। कुशवाहा के करीबी से चारबाग़ के एपी सेन रोड पर दो कीमती प्लॉट लखनऊ के रसूखदार बिल्डर ने खरीदे थे। जिसका पार्टनर अब राज्यसभा सांसद है।

कुशवाहा की करोड़ों की जमीन को ईडी ने एक दशक पहले जब्त किया था, अफसरों की लापरवाही से जमीन की खरीद फरोख्त हुई। भले जमीन पुन: जब्त हुई है। लेकिन ईडी के अफसर भी कटघरे में हैं।

कटियार की सम्पत्तियों पर भी ईडी मेहरबान

लैकफेड के सह चेयरमैन रहे सुशील कटियार की करीब 100 करोड़ की संपत्तियां भी एसआईबी को लैकफेड घोटाले की जांच के दौरान मिली थीं। इनमें कानपुर में मोतीझील के पास स्थित 6, 000 वर्ग फीट का मकान, मां के नाम से कॉलेज, हॉटमिक्स प्लांट, 90 बीघा जमीन, झांसी में 30 खदानें शामिल थीं। बाबू सिंह के करीबी राज कुशवाहा के साथ मिलकर गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर और फतेहपुर की 30 सम्पत्तियां भी थीं। 25 सम्पत्तियां कानपुर की थीं। ईडी ने कटियार की सम्पत्तियों पर खूब दरियादिली दिखाई है।

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