UP: न्यायपालिका को कलंकित करने वालों पर ईडी मेहरबान

सीबीआई के खुलासे में बेनकाब पूर्व जज एसएन शुक्ला के बेनामी साम्राज्य पर नजरें नहीं हुईं टेढ़ी

UP News: यूपी में कई अफसरों और नेताओं को ट्रस्टों के सहारे काली कमाई खपाने का शौक पुराना है। इसी खेल ने हाईकोर्ट के पूर्व जज एसएन शुक्ला की काली कमाई की बखिया भी उधेड़ी थी।

इसके बावजूद अभी तक ईडी ने पूर्व जज समेत उनके मददगारों के खिलाफ मनीलांड्रिंग ऐक्ट में कोई कार्रवाई नहीं शुरू की है। जबकि फरवरी में सीबीआई ने शाइन सिटी के साथ पूर्व जज शुक्ला के गठजोड़ को उजागर करते हुए एफआईआर तक दर्ज की। दरअसल पीएमएलए एक्ट के तहत शुक्ला के बेनामी साम्राज्य पर अभी तक ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय की नजरें तिरछी हो जानी चाहिए थी।

अधिकांश आईएएस अफसरों की पत्नियां एनजीओ और ट्रस्टों से जुड़ी

ईडी पहले से शाइन सिटी के मुखिया राशिद नसीम की बेनामी सम्पत्तियों की जांच मनीलांड्रिंग कानून के तहत कर रही है। माना जा रहा है कि नसीम के सहारे न सिर्फ न्यायपालिका बल्कि नौकरशाही और पुलिस समेत कई राजनेताओं की बेहिसाब कमाई को विदेशों तक सफ़ेद कराया गया है। यूपी के अधिकांश आईएएस अफसरों की पत्नियां एनजीओ और ट्रस्टों से जुड़ी हैं। खनन घोटाले में नाम कमा रहे एक पूर्व आईएएस के ट्रस्ट में भी लम्बी रकम का लेनदेन हुआ था।

शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के साथ पूर्व जज शुक्ला ने कई संदिग्ध भूमि सौदों को अंजाम दिया था। शाइन सिटी से जमीन सौदों की एवज में मिली रकम का  निवेश दो ट्रस्ट, एक संस्था और रियल एस्टेट कंपनियों में करके काले धन को जमकर सफेद करने का खुलासा सीबीआई ने अपनी एफआईआर में भी किया था। इसी तरह ईडी ने कई पूर्व नौकरशाहों और नेताओं को भी बख्श रखा है।

इन ट्रस्टों की मनीलांड्रिंग को भी बख्शा गया

अमेठी की शिव शक्ति धाम ट्रस्ट, फैजाबाद की अद्भुत इंडिया अकादमिक फाउंडेशन ट्रस्ट और एंजेल ग्रुप ऑफ एजूकेशन ट्रेनिंग समाज सेवी संस्थान के साथ पूर्व जज एसएन शुक्ला के संबंधों की जांच में सीबीआई को कई और बेनामी सम्पत्तियों के सुराग हाथ लगे थे। जिनके तार शाइन सिटी फर्जीवाड़े से जुड़े होने के आरोपों के बावजूद ईडी इस मामले में आगे ही नहीं बढ़ी।

विदेश से आया धन पूर्व मुख्य सचिव के खातों में गया

यूपी के एक पूर्व मुख्य सचिव की पत्नी के खातों में भी विदेशों से काफी धन आया था। जिसकी शिकायत सीतापुर के एक कद्दावर नेता ने की थी। तकरीबन 12 साल पहले इस खेल की मोटी फ़ाइल देश के कैबिनेट सचिव तक गयी तो जरूर, लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गयी। इस पूर्व वरिष्ठ आईएएस के ऊपर समाजवादी सरकार के मुखिया रहे अखिलेश यादव की विशेष कृपा रही है। पूर्व मुख्य सचिव ने विदेशों से आया धन बिना सक्षम स्तर की मंजूरी लिए अपने निजी बैंक खातों में भी लिया था। जांच की फ़ाइल केंद्र में ही दफन करा दी गई।

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