UP: विभागीय डीआईजी भटक रहे, आईपीएस संभाल रहे जेल
प्रदेश के कारागार विभाग में वर्तमान समय में सिर्फ दो डीआईजी जेल हैं। डीआईजी अरविंद कुमार सिंह को जेल को जेल मुख्यालय के साथ लखनऊ परिक्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक जेलों की जिम्मेदारी सौंप रखी गई है।
Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav: प्रदेश (UP) के कारागार विभाग की महिमा अपरंपार है। इस विभाग में विभागीय अधिकारी काम के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है, वहीं विभाग से अंजान अधिकारियों को कमान सौंप रखी गई है। मामला विभाग के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) से जुड़ा हुआ है। शासन ने जेल विभाग में डीआईजी की संख्या कम होने की वजह से कुछ आईपीएस अधिकारियों को विभाग में तैनात किया। एक ओर जहां विभाग की गतिविधियों से अनजान इन अधिकारियों को तो जेलों की जिम्मेदारी सौंप दी वहीं दूसरी ओर विभाग के एक डीआईजी को प्रभार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
प्रदेश के कारागार विभाग (UP prison department) में वर्तमान समय में सिर्फ दो डीआईजी जेल हैं। डीआईजी अरविंद कुमार सिंह को जेल को जेल मुख्यालय के साथ लखनऊ परिक्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक जेलों की जिम्मेदारी सौंप रखी गई है।
UP कारागार विभाग के आला अफसरों का कारनामा
वहीं एक डीआईजी शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को पिछले दिनों गलत तरीके से पदोन्नति देने के मामले में पदावनत कर दिया गया था। पदावनत आदेश पर पिछले दिनों न्यायालय ने रोक लगा दी। विभाग में डीआईजी की कमी को देखते हुए शासन ने पिछले दिनों जेल विभाग में चार आईपीएस हेमंत कुटियाल, राजेश श्रीवास्तव, शाक्य और शिवहरि मीना को बतौर डीआईजी तैनात किया गया। इन अधिकारियों में से कई अधिकारियों को जेेल मुख्यालय समेत कई जेल परिक्षेत्रों की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है।
पदावनत आदेश पर रोक लगने के बाद भी नहीं सौंपा गया कोई प्रभार
सूत्रों का कहना है कि बीती 28 फरवरी 2023 को प्रयागराज जेेल परिक्षेत्र में तैनात डीआईजी शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को शासन ने पदावनत किये जाने का आदेश जारी किया। पदावनत किए गए डीआईजी को शासन ने उनके विरुद्ध तीन वेतनवृद्धियां रोके जाने एवं परिनिंदा का दंड दिया गया। इस आदेश के विरुद्ध वह न्यायालय की शरण में गए। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करने के बाद पदावनत किए गए डीआईजी जेल के आदेश पर अग्रिम आदेश तक के लिए रोक लगा दी। लेकिन शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को अभी तक डीआईजी के पद तैनात नहीं किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि डीआईजी शैलेंद्र कुमार मैत्रेय इन दिनों प्रभार के लिए शासन और जेल मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं। शासन व मुख्यालय में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारी भटक रहा हैं वहीं दूसरे विभाग के आए अधिकारियों को जेलों की कमान सौंप रखी गई है।
उधर इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने इसे शासन का मामला बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। प्रमुख सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से काफी प्रयासों के बाद भी सम्पर्क नहीं हो पाया।
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